एचएसबीसी द्वारा कराये गये एक सर्वे के अनुसार मुंबई में जो विदेशी कार्यरत हैं उनकी आय विश्व के अन्य देशों में कार्यरत विदेशियों की तुलना में सबसे अधिक है. इस सूची में यूरोप की अपेक्षा एशिया के देश टॉप पर हैं.
एचएबीसी एक्स पैट सर्वे के अनुसार, अधिक सैलरी देने में एशियाई शहर शंघाई, जकार्ता, हांगकांग टॉप टेन सूची में शामिल हैं. भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में काम करने वाले विदेशियों को औसतन 1.40 करोड़ रुपये वार्षिक आय मिलती है. यह रकम ग्लोलबल एवरेज के लगभग दोगुनी है.
एचएसबीसी एक्सपैट एक्सप्लोरर सर्वे
• एचएसबीसी एक्सपैट एक्सप्लोरर सर्वे के अनुसार मुंबई में काम रहे प्रवासियों को सबसे ज्यादा सैलरी दी जाती है.
• मुंबई ने इस मामले में अमेरिका और यूरोप के कई शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है.
• सर्वे के अनुसार मुंबई में काम रहे विदेशी औसत 1.4 करोड़ रुपये वार्षिक प्राप्त कर रहे हैं, जबकि दुनिया का औसत 64 लाख रुपये है.
• यह सर्वे 52 शहरों में 27587 विदेशी कर्मचारियों पर किया गया है, जिसमें यह आंकड़े सामने आए हैं.
• मुंबई के बाद सैन फ्रांसिको का नाम है, जहां लोगों को औसत 1.34 करोड़ रुपये सैलरी मिलती है.
• वहीं इस सूची में तीन एशियाई शहर शंघाई, जकार्ता और हॉन्ग कॉन्ग का नाम शामिल है.
• एचएसबीसी सर्वे के अनुसार पूरे विश्व की औसत कमाई की बात करें तो विदेशी 1 लाख डॉलर यानि 64.6 लाख रुपये कमाते हैं.
• रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस 1.8 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले शहर मुंबई में रोजगार के अवसर अमेरिका और यूके के कई शहरों जैसे लंदन, सन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क से कम है.
एक्सपैट तथा अप्रवासी में अंतर
एक्सपैट तथा अप्रवासी नागरिकों में सबसे बड़ा अंतर यही है कि एक्सपैट उस देश अथवा शहर में काम करने के लिए आते हैं जबकि अप्रवासी नागरिक स्थायी तौर पर उस स्थान पर आकर बस जाते हैं. एक्सपैट को एक सीमित अवधि के लिए विदेश में काम करने के लिए भेजा जाता है या वह नौकरी प्राप्त करता है जबकि अप्रवासी व्यक्ति अपनी मर्जी से दूसरे देश में स्थाई रूप से रहने लगता है.
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