भारतीय नौसेना में पहली बार 21 सितम्बर 2020 को दो महिला अधिकारियों की तैनाती युद्धपोत पर की गई. भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार दो महिला अफसर को वॉर शिप पर तैनात किया जाएगा. इन दोनों को हेलिकॉप्टर स्ट्रीम में ऑब्जर्वर (एयरबोर्न टैक्टिशियंस) के पद में शामिल होने के लिए चुना गया है. इन दोनों महिलाओं का नाम सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह है.
इसके तहत, वॉरशिप पर एयरक्राफ्ट को टेकऑफ और लैंड कराया जाता है. इसके पहले महिला अफसरों को फिक्स्ड विंग एयरकॉफ्ट तक सीमित रखा गया था. भारतीय नौसेना में कई महिला अधिकारी हैं लेकिन कई कारणों से अब तक उन्हें युद्धपोतों पर तैनात नहीं किया गया था. इससे पहले महिलाओं के प्रवेश को तय विंग विमान तक ही सीमित रखा गया था.
ये दो महिला अधिकारी शामिल
सब लेफ्टिनेंट (एसएलटी) कुमुदिनी त्यागी और एसएलटी रीति सिंह भारतीय नौसेना के 17 अधिकारियों के एक समूह का हिस्सा हैं. सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह युद्धपोतों के डेक से संचालन करने वाली भारत की पहली महिला एयरबोर्न टैक्नीशियन होंगी.
कोच्चि के दक्षिणी नौसेना कमान में दोनों भारतीय नौसेना के ऑब्जर्वर कोर्स से पास आउट हुईं. दोनों कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और उन्हें 2018 में नौसेना में कमीशन किया गया था. ये दोनों महिला ऑफिसर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग ले रही हैं. वे जहाज पर तैनात हेलीकॉप्टर को चलाएंगीं, एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है जहां पुरुष अधिकारी अब तक शासन करते थे.
सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह हैदराबाद से हैं और सशस्त्र बलों में सेवा करने वाली अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं. उनके दादा आर्मी में थे. वहीं सब लेफ्टिनेंट, कुमुदिनी त्यागी गाजियाबाद से हैं. इस अवसर पर बोलते हुए रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसमें पहली बार महिलाओं को हेलीकॉप्टर संचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
पहली बार बदलाव
भारतीय नौसेना में कई महिला अधिकारी हैं लेकिन कई कारणों से अब तक उन्हें युद्धपोतों पर तैनात नहीं किया गया था. इसमें क्रू क्वार्टर में प्राइवेसी की कमी और जेंडर के हिसाब से विशिष्ठ बाथरूम की सुविधा का न होना शामिल रहा है. लेकिन अब इसमें बदलाव होने जा रहा है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation