अयोध्या के राम मंदिर की चर्चा इन दिनों काफी जोरों से हो रही है जिसके उद्घाटन का कार्यक्रम 22 जनवरी को पीएम मोदी के हाथों संपन होगा. इसी बीच राम भक्तो के लिए एक और अच्छी खबर आई है. ऑस्ट्रेलियाई शहर पर्थ में जल्द ही दुनिया के सबसे ऊंचे राम मंदिर का निर्माणकार्य शुरू होगा.
पर्थ में बनने वाला यह राम मंदिर दुनिया में सबसे ऊँचा राम मंदिर होगा जिसकी ऊंचाई लगभग 721 फीट होगी. इस मंदिर के निर्माण का कार्य श्रीराम वैदिक और सांस्कृतिक ट्रस्ट के नेतृत्व में किया जायेगा. अंतर्राष्ट्रीय श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृतिक संघ (ISVACU) की वेबसाइट पर इसके बारें में विस्तार से जानकारी दी गयी है.
ट्रस्ट के उप प्रमुख डॉ. हरेंद्र राणा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट मंदिर की पारंपरिक अवधारणा से अलग है. आईएसवीएसीयू इस प्रोजेक्ट को सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामुदायिक गतिविधियों के एक बहुआयामी केंद्र के रूप में देख रहा है. अधिक जानकारी आप ट्रस्ट की वेबसाइट पर देश सकते है.
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श्री राम मंदिर प्रोजेक्ट हाइलाइट्स:
- अंतर्राष्ट्रीय श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृतिक संघ द्वारा पर्थ में बनाया जाने वाला राम मंदिर केवल भगवान राम मंदिर का एक मंदिर ही नहीं इसमें और कई केन्द्रों का निर्माण किया जायेगा.
- पर्थ के राम मंदिर की ऊंचाई लगभग 721 फीट होगी जो दुनिया में किसी राम मंदिर से सबसे अधिक होगी, इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग ₹ 600 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. यह मंदिर परिसर लगभग 150 एकड़ में फैला होगा.
- भगवान राम मंदिर प्रोजेक्ट में राम मंदिर के अतिरिक्त योग और ध्यान केंद्र, अतिथि गृह, वेद अध्ययन केंद्र आदि का भी निर्माण किया जायेगा.
इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सांस्कृतिक केंद्र, सामुदायिक हॉल, परमार्थ रसोई (सामुदायिक रसोई), आर्ट गैलरी और प्राचीन पुस्तकों, लिपियों, रामायण और अन्य प्रकाशनों की एक लाइब्रेरी का भी निर्माण किया जायेगा. - इस मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित त्यौहार मनाने और विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भी व्यवस्था की गयी है.
- इसके अलावा, ISVACU सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचितों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का भी काम करेगा साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सरकार और नागरिक समाज के कल्याण के कार्यों में भी मदद करेगा.
- जीरो कार्बन फुटप्रिंट को सुनिश्चित करने के लिए जैव-सीवेज ट्रीटमेंट और सौर ऊर्जा संयंत्र को शामिल किया जायेगा.
मंदिर क्षेत्र में इन नामों से बनेगें हॉल:
भव्य श्री राम मंदिर के अलावा, सीता हॉल, शांता हॉल, लक्ष्मण हॉल, शत्रुघ्न हॉल, भरत हॉल, दशरथ हॉल, कौशल्या हॉल, कैकेयी हॉल, सुमित्रा हॉल, लव हॉल और कुश हॉल का निर्माण कराया जायेगा.
भारतीय मंदिरों की अवधारणा:
भारतीय मंदिरों की अवधारणा मानव शरीर के चक्रों के आसपास केन्द्रित होती है. मंदिर के आसपास के क्षेत्र की शुरुआत से लेकर मंदिर के शिखर तक की ऊंचाई का अंतर धीरे-धीरे बढ़ता है, जैसा कि मानव शरीर में होता है.
प्रत्येक चक्र सनातन एवं वैदिक जीवन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मानव शरीर की तरह ही हमारी साइट भी 7 भागों में विभाजित है जो मानव शरीर के 7 चक्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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