22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का उद्घाटन किया जायेगा. इस उद्घाटन समारोह में देश-विदेश से कई दिग्गज मेहमान अयोध्या पहुंचेंगे जिसकी तैयारियां जोरों से की जा रही है. इसकों लेकर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये जा रहे ह
आम लोग भी इस ऐतिहासिक पल में शामिल होना चाहते है उनको पहले से अपनी अयोध्या यात्रा की सारी तैयारियां करनी होगी. चलिये इस आर्टिकल में हम अयोध्या पहुंचने के सभी उपलब्ध साधनों के बारें में बात करेंगे.
जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी वह लगभग 150-200 किलोग्राम की है. 18 जनवरी को, मूर्ति को मंदिर के 'गर्भ गृह' में अपने स्थान पर रखा जाएगा.
यह भी देखें: क्या है अयोध्या के 'राम मंदिर' की मुख्य विशेषताएं पढ़ें यहां?
प्राण प्रतिष्ठा का क्या है समय:
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताय है कि भगवान राम की मूर्ति 18 जनवरी को मंदिर के 'गर्भ गृह' में अपने स्थान पर रखी जाएगी और 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मुहूर्त (शुभ समय) वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा तय किया गया है.
राम मंदिर समिति के एक सदस्य के अनुसार, राम मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम 4 जनवरी 2024 और 22 जनवरी 2024 के बीच आयोजित किया जायेगा. मुख्य समारोह 16 जनवरी 2024 को शुरू होगा जो 22 जनवरी तक चलेगा.
प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों का विवरण:
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 15, 2024
1. आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।
2. शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं…
प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों की डिटेल्स:
भगवान राम लला के विग्रह का शुभ प्राण प्रतिष्ठा योग पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी 2024 को आता है.
मंदिर के उद्घाटन के मुख्य आयोजन से पहले भी कई अनुष्ठान कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. ये कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होकर 1 जनवरी 2024 तक चलेंगे जिसके बाद मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. मुख्य कार्यक्रम से पहले की डिटेल्स नीचे दी गई है-
- 16 जनवरी: प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन
- 17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
- 18 जनवरी (शाम): तीर्थ पूजन, जल यात्रा और गंधाधिवास
- 19 जनवरी (सुबह): औषधधिवास, केसराधिवास, घृतधिवास
- 19 जनवरी (शाम): धान्याधिवास
- 20 जनवरी (सुबह): शर्कराधिवास, फलाधिवास
- 20 जनवरी (शाम): पुष्पाधिवास
- 21 जनवरी (सुबह): मध्याधिवास
- 21 जनवरी (शाम): शैयाधिवास
अधिवास प्रोटोकॉल और आचार्य:
आम तौर पर, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं, और न्यूनतम तीन अधिवास व्यवहार में होते हैं. अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य करेंगे. श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी अनुष्ठान की सभी प्रक्रिया को पूरा करेंगे और प्रमुख आचार्य काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे.
दर्शन और आरती का क्या है समय:
मंदिर उद्घाटन के बाद मंदिर में दर्शन सुबह 7 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक किया जा सकेगा. प्रतिदिन तीन आरती क्रमशः सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.00 बजे और शाम 7.30 बजे की जाएंगी.
- सुबह 6.30 बजे- शृंगार/जागरण आरती
- दोपहर 12.00 बजे - भोग आरती
- शाम 7.30 बजे - संध्या आरती
यह भी पढ़ें:
घर बैठे फ्री में ऐसे बुक करें अयोध्या श्रीराम मंदिर का प्रसाद, देखें डिटेल्स
टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे कम समय में समाप्त होने वाले 5 मैच कौन से है?
Comments
All Comments (0)
Join the conversation