Ayodhya Ram Temple: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन कर दिया गया. इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मंदिर की विशेषताएं बताई है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पवित्र कार्यक्रम को पूरा किया. परंपरागत नागर शैली में तैयार किये गए मंदिर की सुन्दरता देखने योग्य है. चलिये मंदिर की खासियत के बारें में जानने की कोशिश करते है.
यह भी देखें: कौन हैं अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज?
राम मंदिर की मुख्य विशेषताएं:
1. राम मंदिर ट्रस्ट ने एक्स पर जानकारी दी है कि मंदिर परंपरागत नागर शैली में बनाया जा रहा है. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और ऊंचाई 161 फुट है वहीं 3 मंजिला मंदिर में प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट जहां कुल 392 खंभे और 44 द्वार बनाये गए है.
2. राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार बनाया गया है. मंदिर में पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से प्रवेश किया जा सकेगा.
3. मंदिर के 70 एकड़ क्षेत्र में से 70 प्रतिशत क्षेत्र हमेशा हरा-भरा रहेगा. वहीं मंदिर में लोहे का उपयोग नहीं किया गया है और न ही धरती के ऊपर कंक्रीट बिछाई गयी है.
4. मंदिर में 5 मंडप बनाये गए है जिनके नाम इस प्रकार है-
- नृत्य मंडप
- रंग मंडप
- सभा मंडप
- प्रार्थना मंडप
- कीर्तन मंडप
5. मंदिर के खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गयी है जो मंदिर की खूबसूरती को और बढ़ा देती है. दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था की गयी है.
6. मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट है. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण किया जा रहा है. वहीं उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा.
7. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.
8. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है और वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.
9. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे.
10. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी.
11. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं:
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 4, 2024
1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल… pic.twitter.com/BdKNdATqF6
यह भी देखें:
टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे कम समय में समाप्त होने वाले 5 मैच कौन से है?
New Hit And Run Law: 'हिट एंड रन' पर बने नए कानून का क्यों हो रहा विरोध, पढ़ें?
Bank Holidays 2024: साल 2024 में बैंक हॉलिडे की पूरी लिस्ट यहां देखें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation