दुनिया का नक्शा उठाकर देखें, तो हमें पृथ्वी पर पांच प्रमुख अक्षांश रेखाएं देखने को मिलती हैं। इन पांच रेखाओं में से एक कर्क रेखा है। ये सभी रेखाएं मौसम और जलवायु को परिभाषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के सामानांतर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है, जिसे 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश भी कहा जाता है।
भारत में कर्क रेखा कुल 8 राज्यों से होकर गुजरती है। हालांकि, क्या आप बता सकते हैं कि वह कौन-सा राज्य है, जहां कर्क रेख की लंबाई सबसे अधिक है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
साल में एक बार लंबवत पड़ती हैं सूर्य की किरणें
यह दुनिया में मौजूद वही अक्षांश रेखा है, जिस पर साल में एक बार सूर्य की किरणें लंबवत यानि कि 90 डिग्री का कोण बनाती हैं। यह स्थिति उत्तरी गोलार्ध में होती है, जिससे 21 जून को सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात वाली स्थिति बनती है। इसके बाद सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा की तरफ बढ़ती हैं, जिसे दक्षिणायन कहते हैं।
भारत के किन राज्यों से गुजरती है कर्क रेखा
भारत में कर्क रेखा कुल 8 राज्यों से गुजरती हैं। इसके लिए आप एक ट्रिक भी याद रख सकते हैं- ‘मित्र पर गमछा झाड़’। यहां म-मिजोरम, त्र-त्रिपुरा, प-पश्चिम बंगाल, र-राजस्थान, ग-गुजरात, म-मध्य प्रदेश, छ-छत्तीसगढ़ और झार-झारखंड है। कर्क रेखा को लेकर अक्सर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में सवाल पूछे जाते हैं। ऐसे में इस ट्रिक के माध्यम से आप आसानी से कर्क रेखा की ट्रिक याद रख सकते हैं।
किस राज्य में है कर्क रेखा की सबसे अधिक लंबाई
अब सवाल है कि भारत के किस राज्य में कर्क रेखा की सबसे अधिक लंबाई है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य में कर्क रेखा की सबसे अधिक लंबाई है।
Tropical Zone का करती है निर्माण
आपको बता दें कि कर्क रेखा, भूमध्य रेखा और मकर रेखा के बीच के क्षेत्र की उत्तरी सीमा को निर्धारित करती है। इस क्षेत्र को ट्रॉपिकल जोन भी कहा जाता है, जहां पूरे वर्ष उच्च तापमान बना रहता है।
कर्क रेखा का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व
-कर्क रेखा भारत को दो समान जलावायु क्षेत्रों यानि कि उत्तरी समशीतोष्ण और दक्षिणी उष्णकटीबंधीय में विभाजित करती है।
-यह मानसून वर्षा के साथ-साथ मौसम को भी प्रभावित करती है।
-कर्क रेखा की मदद से दुनिया में समय का निर्धारण होता है। वहीं, इससे ऋतु चक्र को समझने में भी मदद मिलती है। यही वजह है कि कर्क रेखा का अंतरराष्ट्रीय महत्त्व भी है।
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