परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोडकर ने 17 मार्च 2015 को आईआईटी मुंबई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मई 2015 में अपने कार्यकाल के समाप्त होने से दो महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने उनके इस्तीफे की पुष्टि की.
वर्ष 2006 में आईआईटी बंबई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति से पहले अनिल काकोडकर ने वर्ष 2000 से वर्ष 2009 तक परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. वर्ष 1996 से वर्ष 2000 तक वह भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, ट्रॉम्बे के निदेशक रहे. उन्होंने उच्च तकनीक परियोजना ध्रुव रिएक्टर के डिजाइन और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
काकोडकर ने केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त कई उच्च स्तरीय समितियों के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. परमाणु विज्ञान में उनकी उपलब्धियों के लिए केंद्र सरकार ने अनिल काकोडकर को वर्ष 1998 में पद्मश्री, 1999 में पद्म भूषण और वर्ष 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
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