आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (एलटीटीई) को 5 वर्ष के लिए गैर-कानूनी संगठन 25 जुलाई 2014 को घोषित किया गया. यह निर्णय दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. पी. मित्तल की अध्यक्षता में गठित प्राधिकरण ने लिया.
एलटीटीई को गैर-कानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम 1967 की धारा तीन के अंतर्गत गैर-कानूनी घोषित किया गया है.
लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (एलटीटीई) से संबंधित मुख्य तथ्य
लिट्टे विश्व का एक प्रमुख आतंकवादी संगठन हैं. इसकी स्थापना वर्ष में 1975 वेलुपिल्लई प्रभाकरण ने श्रीलंका में ‘तमिल अलगाववादी’ संगठन के रूप में की थी. यह आतंकवादी संगठन श्रीलंका के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में दो दशकों से अधिक समय से सक्रिय है. लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरण को 18 मई 2009 को श्रीलंका की सेना ने मार दिया.
विदित हो कि लिट्टे पर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी (1991) एवं पूर्व श्रीलंका के राष्ट्रपति प्रेमदासा रनसिंघे (1993) को मारने का आरोप है. विश्व के कई अन्य देशों में भी यह एक प्रतिबंधित संगठन है.
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