भारत में पहली बार देश के सभी नम-भूमि क्षेत्रों की सूची (A detailed Indian inventory of wetlands) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO: Indian Space Research Organisation, इसरो) द्वारा तैयार की गई. उपग्रह से मिले चित्रों के आधार पर इसरो की शहरीकृत संस्था स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC: Space Application Centre, एसएसी) ने भारत के सभी नम-भूमि (India's Total wetlands) क्षेत्रों की सूची तैयार की. इस सूची के अनुसार भारत के पास कुल 100 लाख हेक्टेयर वेटलैंड है.
इसरो की शहरीकृत संस्था स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC: Space Application Centre, एसएसी) के निदेशक डॉ रंगनाथ आर नवलगुंड के अनुसार इन नम इलाकों को 19 श्रेणियों में रखा गया है. जिसमें पानी के फैलाव से लेकर जल आधारित हरित क्षेत्र और दलदली भूमि शामिल है. एसएसी के अध्ययन के अनुसार नदियों को छोड़कर पूरे भारत में नम इलाकों का फैलाव 100 लाख हेक्टेयर है जो कि देश के भौगोलिक इलाके का तीन फीसदी से कुछ अधिक हिस्सा है. हालांकि इन 100 लाख हेक्टेयर नम क्षेत्र में से करीब 25 लाख हेक्टेयर के इलाके ही संरक्षित हैं.
भारत के सभी नम-भूमि (India's Total wetlands) क्षेत्रों में से 24 लाख हेक्टेयर विशुद्ध दलदल है. झील और तालाब 70 लाख हेक्टेयर में हैं. जमीन की सतह पर छिपा जल 13 लाख हेक्टेयर में है. हरियाली व वन क्षेत्र 47 लाख हेक्टेयर में है जबकि मूंगे की चट्टानें 14 लाख हेक्टेयर में हैं.
भारत के सभी नम-भूमि (India's Total wetlands) क्षेत्रों में से राज्यों के पास कुल नम क्षेत्र का 96.12 फीसदी ही है. शेष (लगभग चार फीसदी) नम-क्षेत्र भारत के पास लंबे समुद्र तट होने के समुद्र के अंदर है. भारत के राज्यों में स्थित 96.12 फीसदी नम-भूमि क्षेत्रों में से 18.52 प्रतिशत अंडमान व निकोबार द्वीप में है, दमन दीव में 18.46 और गुजरात में 17.56 फीसदी है, जोकि क्रमवार तीन सबसे अधिक हैं. वहीं सबसे कम नम इलाके मिजोरम, हरियाणा, दिल्ली, सिक्कम, नागालैंड और मेघालय में हैं जिनका कुल योग भी 1.5 फीसदी से कम है.
ज्ञातव्य हो कि नम-भूमि क्षेत्रों में जलस्तर सतह पर या सतह के करीब होता है और यह इलाका कृषि के लिए सबसे योग्य माना जाता है. नम क्षेत्र सबसे हरियाली वाले और सबसे उपजाऊ क्षेत्र होते हैं. इन इलाकों के चलते जलीय-चक्र संतुलित रहता है और यह क्षेत्र तूफान और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को आने से रोकते हैं. साथ ही नम-भूमि क्षेत्रों में ना सिर्फ भरपूर शुद्ध पानी होता है बल्कि इस भूमि से बेहतरीन भोजन और अन्य प्राकृतिक उत्पाद भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं.
भारत के सभी नम-भूमि (India's Total wetlands) क्षेत्रों के चिन्हित होने से अब सरकार इनकी देखभाल अपने हाथ में ले सकती है और इसको संरक्षित कर सकती है. साथ ही ये सबसे समृद्ध हरित संपदा भारत के विकास में सहायक भी हो सकती हैं.
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