इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (ईडीएफसी) के दोनो ओर विकसित किये जाने वाले अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे में उत्तर प्रदेश राज्य के छह निवेश क्षेत्रों को भी शामिल करने की केंद्र से मांग के बारे में राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 9 जून 2013 को मीडिया को अवगत कराया. इस मांग का उद्देश्य इन क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करना है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 3 अप्रैल 2013 को प्रधानमंत्री से ईडीएफसी के समानांतर औद्योगिक गलियारा विकसित करने की मांग की थी जिसे स्वीकार हुए केंद्र अमृतसर से कोलकाता तक औद्योगिक गलियारे के लिए सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही दे दी थी.
उत्तर प्रदेश के चिन्हित किये गए निवेश क्षेत्र
1-पश्चिमांचल निवेश क्षेत्र-मुजफ्फरनगर, मेरठ, मोदीनगर, बेगराजपुर में 2000 हेक्टेयर पर प्रस्तावित
2-ब्रज इंडस्ट्रियल जोन-चोला, अलीगढ़, मथुरा, खुर्जा में 2000 हेक्टेयर पर प्रस्तावित
3-इटावा-औरैया-कन्नौज इंडस्ट्रियल जोन 6000 हेक्टेयर पर प्रस्तावित
4-कानपुर में लॉजिस्टिक हब 6000 हेक्टेयर पर प्रस्तावित
5-इलाहाबाद-नैनी-बारा निवेश क्षेत्र 3000 हेक्टेयर पर प्रस्तावित
6-मुगलसराय-वाराणसी-मीरजापुर निवेश क्षेत्र
इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (ईडीएफसी)
गौरतलब है कि लुधियाना (पंजाब) से डनकुनी (कोलकाता के समीप - पश्चिम बंगाल) तक 1840 किमी की कुल लंबाई वाले प्रस्तावित ईडीएफसी का 57 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश के 19 जिलों से होकर गुजरेगा जो कि पश्चिमांचल के सहारनपुर से पुर्वांचल के चंदौली तक 1049 किमी लंबा होगा. इस प्रकार ईडीएफसी के दोनों ओर 150 किमी की चौड़ाई में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे का निर्माण किया जाएगा जिससे आसपास के क्षेत्र में हथकरघा, हस्तशिल्प, कालीन उद्योग और ग्रामोद्योग के विपणन और निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही, खाद्य प्रसंस्करण, उर्वरक, तापीय ऊर्जा, सीमेंट, स्टील व अन्य विनिर्माण उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। ईडीएफसी की कुल अनुमानित लागत रूपये 22196 करोड़ है तथा इसके 2016-17 में पूरा होने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश के इन जिलों से गुजरेगा ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर प्रदेश में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर, कौशाम्बी, इलाहाबाद, मिर्जापुर और चंदौली जिलों से गुजरेगा। इसके तहत 40 नये रेलवे स्टेशन विकसित किये जाएंगे।
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