राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने 24 जनवरी 2014 को देश भर में 2648 गांवों में कानूनी सेवा क्लीनिक का शुभारंभ किया. इस कदम का लक्ष्य देश के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को कानूनी सेवाओं के लिए आगे करना है. भारत के प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम ने नई दिल्ली में मुफ्त कानूनी क्लीनिक का उद्धघाटन किया. नियमन के अनुसार, एनएएलएसए देश के प्रत्येक तहसील में एक गांव में ग्रामीण कानूनी सेवा क्लीनिक की स्थापना करेगा.
गांवों में स्वास्थ्य केंद्रों की तर्ज पर इन कानूनी सेवाओं के जरिये उन ग्रामीणों को कानूनी देखभाल प्रदान करेगा जिन्हें कानूनों और उनके अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है. पैरा लीगल स्वयंसेवकों और पैनल में शामिल वकीलों की मदद से, क्लीनिक बीपीएल कार्ड, चुनाव पहचान पत्र, आधार कार्ड, गैस कनेक्शन और अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में हो रही दिक्कतों में ग्रामीणों की सहायता करेंगे.
एनएएलएसए (NALSA)
• राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत गठित किया गया है.
• हर राज्य में, NALSA की नीतियों और निर्देशों के प्रभावी बनाने के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है.
• राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का नेतृत्व संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश करते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation