भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दो सूचकांक – एसबीआई मासिक कंपोजिट इंडेक्स और एसबीआई वार्षिक कंपोजिट इंडेक्स का शुभारंभ 9 दिसंबर 2014 को किया. ये सूचकांक मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन और असंकुचन निर्धारित करने के लिए विनिर्माण और सेवा गतिविधि को ट्रैक करने का काम करेंगे.
यह पहली बार है जब किसी भारतीय बैंक ने दूरंदेशी आर्थिक सूचकांक की शुरुआत की है. इससे पहले आर्थिक रूझानों का निर्धारण करने के लिए बाजार एचएसबीसी इंडिया पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) और एचएसबीसी इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी पर निर्भर था.
एसबीआई की कंपोजिट सूचकांक को एसबीआई के आंतरिक ऋण पोर्टफोलियो के आधार पर विकसित किया गया है जो देश के ऋण मांग का दर्पण है.
एसबीआई कंपोजिट सूचकांक की विशेषताएं
• यह सूचकांक हर महीने आरबीआई के क्रेडिट ग्रोथ नंबर्स के बाद जारी किया जाएगा.
• इसे हर माह प्रकाशित किया जाएगा और आधिकारिक अनुमानों में दो महीने के संभावित ट्रेंड्स को ट्रैक किया जाएगा.
• सूचकांक में आर्थिक गतिविधि के ट्रेंड्स को 0 से 100 के स्केल पर निर्धारित किया जाएगा.
• 50 से उपर का सूचकांक संबंधित पिछली अवधि में वृद्धि और 50 से नीचे का सूचकांक संबंधित पिछली अवधि के दौरान संकुचन को दर्शाएगा.
• यह नीति निर्माताओं और बाजार के प्रतिभागियों को पहले ही विनिर्माण चक्र के टर्निंग प्वाइंड की पहचान करने और उनकी निवेश योजनाओं एवं रणनीति को समायोजित करने में मदद करेगा.
• सूचकांक में आर्थिक गतिविधियों के अन्य संकेतकों जैसे ग्राहक खर्च, खनन, ब्याज दर, मुद्रास्फीति और विनिमय दर को मासिक आधार पर लिया जाएगा.
• एचएसबीसी डाटा के जैसे आंकड़ों का संग्रह आउटसोर्स नहीं किया जाएगा.
एसबीआई कंपोजिट इंडेक्स के लिए नमूना भविष्यवाणी
अक्टूबर 2006 से मार्च 2013 के दौरान विनिर्माण गतिविधियों के लिए नमूना भविष्यवाणी के मुताबिक, पीएमआई के 49 फीसदी के खिलाफ एसबीआई कंपोजिट इंडाइसेस 71 फीसदी पर था.
अप्रैल 2013 से सितंबर 2014के दौरान, विनिर्माण गतिविधियों के लिए एसबीआई कंपोजिट गतिविधियां 72 फीसदी पर थीं जबकि पीएमआई 50 फीसदी पर.
एसबीआई कंपोजिट इंडेक्स ने दिसंबर 2014 में विनिर्माण में फिर से मजबूती आने का अनुमान लगाया है.
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