ओएनजीसी ने केजी बेसिन के अपने ब्लॉक की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी जापान की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी इनपेक्स को 5 नवंबर 2012 को बेची. बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र में स्थिति इस तेल ब्लॉक में अब ओएनजीसी इनपेक्स की तकनीकी मदद से तेल व गैस की खोज करेगी. दोनों कंपनियों के मध्य इस बारे में समझौता किया गया. इस सौदे की राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. इनपेक्स जापान की सबसे बड़ी तेल कंपनी है.
ओएनजीसी ने यह ब्लॉक वर्ष 2007 में नई उत्खनन व लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत खुली निविदा प्रक्रिया के जरिए प्राप्त किया था. कंपनी ने गेल, एचपीसीएल, ऑयल इंडिया और जीएसपीसीएल की मदद से इस ब्लॉक के लिए सफलतापूर्वक बोली लगाई थी. इस ब्लॉक में ओएनजीसी की 60 प्रतिशत थी. सौदे के बाद ओएनजीसी की हिस्सेदारी घटकर 34 प्रतिशत रह जानी है. बाकी चारों कंपनियों की 10-10 प्रतिशत हिस्सेदारी बरकरार रहेगी.
केजी-डीडब्ल्यूएन-2004/6 नाम का यह ब्लॉक आंध्र प्रदेश के तट से 300 किलोमीटर दूर है. तीन किलोमीटर गहराई में स्थित यह ब्लॉक 10907 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. इसलिए यहां तेल व गैस निकालने के लिए अत्याधुनिक तकनीक व मशीनरी की जरूरत है.
विदित हो कि केजी बेसिन में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज का डी-6 गैस ब्लाक है, जहां उत्पादन लगातार घट रहा है. इस वजह से रिलायंस ने ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ गठबंधन किया है.
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