सर्वोच्च न्यायालय में कर्नाटक कावेरी नदी से रोजाना 10 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने के लिए 10 सितंबर 2012 को तैयार हुआ. कर्नाटक 12 से 20 सितंबर 2012 के मध्य तमिलनाडु को पानी देगा. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीके जैन और न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन लोकुर की खंडपीठ ने 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की तमिलनाडु की याचिका पर कोई आदेश देने से इन्कार कर दिया.
कर्नाटक की याचिका का भी निपटारा करते हुए खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अगर प्राधिकरण की बैठक में कोई फैसला नहीं निकल पाता है तो दोनों राज्य उचित कदम उठा सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने 19 सितंबर 2012 को प्राधिकरण की बैठक बुलाई है.
लंबे समय के बाद कावेरी मुद्दे पर तमिलनाडु को लेकर कर्नाटक के रुख में नरमी आई है. इस मामले को केंद्र सरकार अभी तक नहीं सुलझा पाई जिसके कारण दोनों राज्यों के मध्य विवाद है.
कावेरी नदी भारत की एक अंतर्राज्यीय नदी है. कर्नाटक और तमिलनाडु कावेरी घाटी में पड़ने वाले प्रमुख राज्य हैं. कावेरी घाटी का एक भाग केरल में भी है और समुद्र में मिलने से पहले कावेरी नदी कराइकाल से होकर गुजरती है जो पांडिचेरी का भाग है. कावेरी नदी के जल के बंटवारे को लेकर राज्यों में विवाद है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation