केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संकटग्रस्त महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 15 मई 2015 को एनईआरएस (राष्ट्रव्यापी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली) लागू करने का निर्णय लिया. इस विषय में मंत्रालय ने आईटी सेवा प्रदाताओं से प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं.
दिसम्बर 2012 में दिल्ली में हुए जघन्य बलात्कार हादसे के उपरांत एनईआरएस की योजना यूपीए सरकार द्वारा बनायी गयी थी.
एनईआरएस के तहत किसी भी संकटग्रस्त महिला द्वारा कॉल किये जाने पर पुलिस को तुरंत एक्शन लेना होगा. इससे राज्यों में पुलिस द्वारा प्रयोग किये जाने वाली आपातकालीन प्रणाली में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा.
यह कैसे कार्य करेगा?
यह संयुक्त राज्य अमेरिका के 911 के भांति कार्य करेगा. इसमें एक कॉल सेंटर का निर्माण किया जाएगा जहाँ से सभी कॉल्स को मॉनिटर किया जायेगा.
सबसे पहले कॉलर की स्थान का पता लगाया जायेगा. इसके बाद आपातकालीन स्थिति की गंभीरता का पता लगाकर इस कॉल को तुरंत कॉल डिस्पैचर के पास भेज दिया जायेगा.
कॉल डिस्पैचर घटना स्थल के पास मौजूद पुलिस वैन का पता लगाकर उसे घटना स्थल पर जल्द पहुंचने के लिए कहेगा.
कॉल सेंटर में लगे उपकरण लैंडलाइन, मोबाइल अथवा सेंसर माध्यम कॉल करने वाले व्यक्ति के स्थान का पता स्वयं लगा लेंगे.
प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए पुलिस की सभी गाड़ियों में जीपीएस प्रणाली लगाई जाएगी.
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