केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 जून 2015 को भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसइसीआई) के नाम को बदलकर भारतीय अक्षय ऊर्जा निगम (आरईसीआई) रखने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.
इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने एसइसीआई को कंपनी रजिस्ट्रार के पास आवेदन करने के लिए भी मंजूरी प्रदान की ताकि कंपनी एक्ट, 2013 के तहत कंपनी को अनुच्छेद 8 से बदलकर अनुच्छेद 3 के तहत पंजीकृत किया जा सके.
यह निर्णय एसइसीआई को निम्न लाभ प्रदान करेगा :
एसइसीआई एक आत्मनिर्भर और आत्म-सृजन संगठन बन जाएगा.
सौर उर्जा संयंत्रों को लगाने, सौर उर्जा उत्पादन तथा सौर उर्जा संबंधित अन्य क्षेत्रों की अन्य गतिविधियों के लिए एसइसीआई स्वयं सक्षम हो जायेगा.
एसइसीआई परिवर्तित होकर आरइसीआई बन जायेगा जिससे यह भू-तापीय, अक्षय ऊर्जा तथा सुदूर तटवर्ती उर्जा के विकास हेतु कदम उठा सकेगा.
कंपनी अधिनियम-2013 धारा 3 तथा धारा 8 के बीच अंतर
धारा 3 उन कम्पनियों के लिए लागू होती है जो लाभ अर्जित करने हेतु वाणिज्यिक गतिविधियों में संलग्न हैं.
इसके विपरीत, धारा 8 के तहत आने वाली कम्पनियां केवल चैरिटेबल, सामाजिक कल्याण, धमार्ध, शिक्षा आदि क्षेत्रों का प्रसार कर सकती हैं किन्तु इसमें कोई वाणिज्यिक पहलू शामिल नहीं होना चाहिए.
एसइसीआई
एसइसीआई सितम्बर 2011 को कंपनी एक्ट-1956 की धारा 25 के तहत सौर उर्जा तकनीक के प्रसार तथा वाणिज्यिक इस्तेमाल के तहत पंजीकृत कंपनी है (अब यह कंपनी एक्ट, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत है).
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