केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नीतिन गडकरी ने 29 सितंबर 2015 को नई दिल्ली में हरित राजमार्ग (वृक्षारोपण, पौधारोपण, सौदर्यीकरण और प्रबंधन) नीति 2015 जारी की.
राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पेड़ों की संख्या को बढ़ाने के लिए बनी यह नीति नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान लागू की गई.
मुख्य आकर्षण
हरित राजमार्ग नीति में सड़क निर्माताओं के लिए कुल परियोजना लागत (टीपीसी) का 1 प्रतिशत धन राजमार्गों के सौंदर्यीकरण और रखरखाव के लिए अनिवार्य रूप से निर्धारित किया गया है.
नई नीति के अनुसार राजमार्गों का विकास समुदाय, किसान, एनजीओ, निजी क्षेत्र, सरकारी एजेंसियों और वन विभाग की भागीदारी से किया जाएगा.
योजना के तहत वित्त वर्ष 2015– 16 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर वृक्षारोपण के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा.
इस योजना के कार्यान्वित होने से रोजगार के अवसर और उद्यमिता विकास में मदद मिलेगी.
इसके अलावा नीति कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने में मदद करेगी और पर्यावरण को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाएगी.
हरित राजमार्ग कोष
यह नई नीति राजमार्ग गलियारों के किनारे हरित पट्टी के विकास के लिए हरित राजमार्ग कोष (जीएचएफ) के निर्माण की मांग करती है.
यह जीएचएफ डेवलपर्स द्वारा दिए जाने वाले 1 फीसदी कुल परियोजना लागत (टीपीसी) से बनाया जाएगा.
एनएचएआई लेखा का रख–रखाव और भुगतान जारी करने के लिए सिर्फ कोष प्रबंधक का काम करेगा.
पृष्ठभूमि
यह नीति 20 मई 1976 के परिपत्र का संशोधित संस्करण है जिसमें मौजूदा सड़कों के किनारे पेड़ों के रखरखाव और नए पेड़ों को लगाने का काम राष्ट्रीय राजमार्ग को आवंटित रखरखाव और मरम्मत कोष से करने की बात कही गई थी.
परिपत्र 26 नवंबर 1996 को अपडेट किया गया और सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों/ प्रतिष्ठित निजी कंपनियों/ स्वयंसेवी संगठनों को वृक्षारोपण करने और उसके रखरखाव की इजाजत दी गई.
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