2 फरवरी 2016 को केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने महाराष्ट्र के हजारमाछी, कराड में बोरहोल जियोफिजिक्स रीसर्च लैबोरेट्री (बीजीआरएल) के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया.
ड्रिलिंग जांच के माध्यम से कोयना क्षेत्र में सामाजिक प्रासंगिकता के भूकंप समस्याओं (प्राकृतिक आपदाओं) को समझने और चुनौतियों से निपटने के लिए कराड में बीजीआरएल बनाया जा रहा है.
भौगोलिक जांच के लिए कोयना अंतर–प्लेट भूकंपीय क्षेत्र में मंत्रालय के वैज्ञानिक गहन ड्रिलिंग और इलाके में भूकंप अनुसंधान समर्पित मॉडलिंग के लिए कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर बीजीआरएल की अवधारणा तैयार की गई थी.
बीजीआरएल कार्यक्रम के बारे में
कोयना क्षेत्र में भूकंप के तंत्र को समझने के लिए यह कार्यक्रम अनूठा तरीका है और यह निम्नलिखित प्रस्ताव देता है
• यह इस इलाके में भूकंप की गहराई तक पहुंचने के लिए गहरे बोरहोल खोदने और एक गहरे बोरहोल वेधशाला का प्रस्ताव देता है.
• भूकंपों के स्रोत क्षेत्र में प्रत्यक्ष निरीक्षण इन भूकंप तंत्रों के मॉडल के लिए नई और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा.
बीजीआरएल का उद्देश्य भूकंप अनुसंधान से संबंधित भूभौतिकीय, भूवैज्ञानिक और भू–तकनीकी सुविधाओं में उच्च विशेषज्ञता वाला अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान के तौर पर उभरना है.
कोयना क्षेत्र के बारे में
कोयनानगर महाराष्ट्र में कोयना जलविद्युत परियोजना के करीब स्थित एक शहर है. यह क्षेत्र महाराष्ट्र के साथ– साथ देश में भूकंप की दृष्टि से सबसे सक्रिए क्षेत्रों में से एक है. भूकंप के खतरे वाले क्षेत्रीकरण में कोयना क्षेत्र जोन IV में आता है.
1962 में शिवाजी सागर झील के बंद होने के बाद से कोयना क्षेत्र में जलाशय ट्रिगर्ड भूकंप लगातार आ रहे हैं. साल 1967 में इस इलाके में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जो इस क्षेत्र का सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप था. इलाके में आए भूकंप की सूची ( सभी भूकंप 30 किमीX 20 किमी के क्षेत्र तक ही सीमित थे)
• 5 या उससे अधिक तीव्रता के 22 भूकंप
• 4 या उससे अधिक तीव्रता के 200 भूकंप
• इलाके में आए छोटे भूकंपों की संख्या कई हजार है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation