भारतीय क्रिकेट टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 30 मार्च 2011 को मोहाली में पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर क्रिकेट विश्व कप 2011 का सेमीफाइनल मुकाबला जीता. इस जीत के साथ भारत 2 अप्रैल 2011 को मुंबई में होने वाले क्रिकेट विश्व कप 2011 के फाइनल में पहुंच गया. इस मैच में भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया. फाइनल में भारत का मुकाबला श्रीलंका से होना है, जिसने न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में हराया था.
सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराकर क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में भारत तीसरी बार फाइनल में पहुंचा. पहली बार वर्ष 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचा था और लगातार दो बार के विश्व कप विजेता वेस्टइंडीज को हराकर क्रिकेट विश्व का ख़िताब जीता था. दूसरी बार वर्ष 2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत फाइनल में पहुंचा लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गया था.
ज्ञातव्य हो कि क्रिकेट विश्व कप इतिहास में भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध अपने सभी मैच जीते हैं. भारत की पाकिस्तान टीम के खिलाफ विश्व कप में यह पांचवीं जीत है. शाहिद आफरीदी की कप्तानी में खेले गए इस मैच को देखने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी भी आए, जिन्हें भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आमंत्रित किया था.
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