गश्ती जहाज वैभव को तूतीकोरिन में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक वाइस एडमिरल अनुराग जी थपलियाल ने भारतीय तटरक्षक बल में 21 मई 2013 को शामिल किया. गश्ती जहाज वैभव में एक हेलीपैड, जीवनरक्षक नौकाएं और आग बुझाने के आधुनिक उपकरण लगे हैं.
गश्ती जहाज वैभव से संबंधित मुख्य तथ्य
• वैभव का डिजाइन एंव निर्माण जीएसएल कंपनी ने किया जिसमें नौवहन एवं संचार के अत्याधुनिक उपकरण, सेंसर और मशीन लगाए गए हैं.
• इसका निर्माण गोवा के शिपिंग यार्ड में किया गया.
• इसमें ऑप्टिकल अग्नि नियंत्रण व्यवस्था के साथ ही इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड मशीन कंट्रोल सिस्टम, पावर मैनेजमेंट सिस्टम, हाई पावर एक्सटर्नल फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए हैं.
• इसे मार्च 2013 में तटरक्षक बल को दिया गया था.
• इसमें घरेलू स्तर पर विकसित एक क्लोज रेंज नेवल गन (सीआरएन-91) लगाई गई है.
• इसमें खोज और बचाव कार्य के लिए एक हेलीकॉप्टर और 5 तीव्र गति की नाव ढोने की क्षमता है.
• जहाज में प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण भी लगाए गए हैं ताकि समुद्र में तेल गिरने का पता लग सके.
• जहाज में उन्नत वैश्विक समुद्रीय विपदा एवं सुरक्षा व्यवस्था भी लगाई गई हैं जिससे यह भारतीय खोज एवं बचाव क्षेत्र में बचाव कार्य चलाने का अच्छा साधन साबित हो.
• यह जहाज 1940 टन वजन के साथ अधिकतम 26 नॉट की गति से तैर सकता है और यह समुद्र में 15 दिन तक बिना किसी मरम्मत के रह सकता है.
• भारतीय तटरक्षक जहाज वैभव में 10 अधिकारियों सहित 84 लोगों का कार्य दल उप-महानिरीक्षक संजीव त्रिखा के नेतृत्व में तैनात रहेगा.
• इस जहाज द्वारा तूतीकोरिन में ही कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के प्रशासकीय और संचालन नियंत्रण में रहा जाना है.
• वैभव 90 मीटर वर्ग में समुद्र निगरानी जहाज (ओपीवी) श्रृंखला का तीसरा संस्करण है.
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