अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग का 25 अगस्त 2012 को अमेरिका के ओहायो राज्य के सिनसिनाटी में निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री थे. उन्होंने अंतरिक्ष यान अपोलो-11 से 20 जुलाई 1969 को चन्द्रमा पर कदम रखा. चंद्रमा पर कदम रखने के बाद नील आर्मस्ट्रांग ने कहा था, 'यह एक मानव का छोटा कदम भले हो पर मानव जाति के लिए एक बडी छलांग है.' जिस समय वह चांद की सतह पर उतरे थे, उनके हृदय में प्रति मिनट 150 तक की धड़कन रिकार्ड की गयी थी जो सामान्य स्थितियों के मुकाबले लगभग दो गुना थी. वह अपोलो-11 अभियान के कमांडर थे. इस अभियान में बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस भी नील आर्मस्ट्रांग के साथ अंतरिक्ष यान अपोलो-11 से चंद्रमा पर पहुंचे थे. अपोलो-11 अंतरिक्ष यान को लगभग चार लाख किलोमीटर की यह यात्रा करने में चार दिन लगे.
नील आर्मस्ट्रॉंग को अमरीका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान कॉग्रेशनल गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया था. वर्ष 2006 में जेम्स आर हंसेन (James R Hansen) द्वारा लिखित नील आर्मस्ट्रांग की अधिकृत जीवनी फर्स्ट मैन: द लाईफ ऑफ नील ए आर्मस्ट्रांग (First Man: The Life of Neil A. Armstrong) प्रकाशित हुई. नील आर्मस्ट्रांग 1962 में नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल हुए थे. नासा से जुड़ने से पूर्व नील आर्मस्ट्रांग ने कोरियाई युद्ध के दौरान लड़ाकू हवाई अभियानों में शामिल हुए. इसके बाद उन्हें टेस्ट पायलट बना दिया गया.
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