चीन ने अपने दूसरे स्टेल्थ (रडार की पकड़ में न आने वाले) लड़ाकू विमान के प्रोटोटाइप का 31 अकटूबर 2012 को परीक्षण किया. इस विमान में रूसी इंजन का प्रयोग किया गया.
अमेरिका के बाद चीन विश्व में दूसरा ऐसा देश बन गया है, जिसने अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इस लड़ाकू विमान का निर्माण किया है.
जे-31 फाइटर ने लिआओनिंग प्रांत स्थित शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (एसएसी) से 11 मिनट की उड़ान भरी.
विदित हो कि जे-31 फाइटर जे-20 का उन्नत संस्करण है. चीन ने पहले स्टेल्थ विमान जे-20 का परीक्षण वर्ष 2011 में किया था.
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