तालिबान ने 30 जुलाई 2015 को अपने मुखिया मुल्ला उमर की मृत्यु की पुष्टि की घोषणा कर दी. इसके साथ ही संगठन ने मुल्ला अख्तर मंसूर को अपने नए प्रमुख के रूप में चुना है.
संगठन द्वारा जारी किए गए वक्तव्य में यह बताय गया की मुल्ला उम्र की मृत्यु अप्रैल 2013 को पाकिस्तान में हुई थी.
तालिबान की शीर्ष इकाई शूरा परिषद ने 29 जुलाई 2015 को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र में एक अज्ञात स्थान पर बैठक की जहां मुल्ला उमर के प्रतिस्थापन का फैसला लिया गया.
नव नियुक्त तालिबान प्रमुख पाकिस्तानी अधिकारियों का करीबी माना जाता है.
मुल्ला अख्तर मंसूर एक शीर्ष अफगान तालिबान के नेता है जो अफगानिस्तान में तालिबान शासन के पूर्व एक पूर्व उड्डयन मंत्री था.
मुल्ला अख्तर, मुल्ला उमर की मौत के बाद से ही समूह का नेतृत्व कर रहा है.
परिषद ने यह भी सिराजुद्दीन हक्कानी को हक्कानी का प्रमुख निर्वाचित किया है. विदित ही अमेरिका ने सिराजुद्दीन हक्कानी पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है.
हक्कानी नेटवर्क को वर्ष 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर बम विस्फोट सहित अफगानिस्तान में पश्चिमी और भारतीय हितों के खिलाफ कई घातक हमलों का दोषी ठहराया गया है.
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