थाईलैंड की संसद (नेशनल लेजिस्लेटिव असेम्बली) ने 19 फ़रवरी 2015 को एक ऐसा कानून पारित किया है. जिसके तहत विदेशी दंपतियों पर थाई महिलाओँ के माध्यम से सन्तान के जन्मपर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. इस कानून के लिए संसद में कराए गए मतदान के पक्ष में 160 और विपक्ष में 2 मत आए.
यह कानून किराए पर कोख उद्योग को समाप्त करने की दिशा में एक कदम है जिसने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को इसके लिए एक शीर्ष गंतव्य बना दिया है.
संसद द्वारा कोख के व्यापारिक आदान प्रदान पर रोक के प्रावधान
• यह कानून उन विदेशी दम्पतियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएगा जो थाई महिलाओं की कोख से अपनी संतान चाहते हैं.
• सिर्फ वह विवाहित थाई दम्पति या वो दम्पति जिनमे से एक थाईलैंड का नागरिक हो और उन्होंने कम से कम विवाह के तीन वर्ष पूरे कर लिए हों उन दम्पतियों की महिलाएँ अपनी कोख को किराए पर दे सकती हैं.
• किसी थाई जोड़े को किराए की कोख की अनुमति तभी दी जाएगी अगर वह यह साबित कर दें की विदेशी जोड़े और उनके सम्बन्धी ऐसा करने में अक्षम हैं.
• यह सभी बिचौलियों या एजेंसियों पर प्रतिबन्ध लगाता है जो सेरोगेसी से लाभान्वित होते हैं.
• इस कानून का उल्लंघन करने वाले को अधिकतम 10 वर्ष की जेल और 6100 अमेरिकी डॉलर जुर्माना हो सकता है.
• यह कानून सेरोगेसी से सम्बंधित विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध डालता है और सेरोगेट एजेंटों और अपंजीकृत क्लीनिक को बंद करने का आदेश देता है.
पृष्ठभूमि
इससे पहले नवंबर 2014 में थाईलैंड की संसद ने किराये की कोख के वाणिज्यिक आदान प्रदान पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पर मतदान कराया था.यह उद्योग तब चर्चा में आया जब इसमें गैर कानूनी तरह से कई विदेशियों को सक्रिय पाया गया.
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