दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में 11 अगस्त 2015 को करोड़ों रूपए के सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए एक स्वतंत्र आयोग का गठन करने का निर्णय लिया. इस आयोग की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश, एस एन अग्रवाल द्वारा की जाएगी.
दिल्ली मंत्रिमंडल ने आयोग को पहली बैठक से अगले तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया है.
इस एक सदसीय जांच आयोग का गठन जांच अधिनियम 1952 के तहत किया गया है. यह आयोग इस घोटाले में अब तक की गयी पूर्व जांच, घटनाक्रम तथा घोटाले में शामिल लोगों की जांच पड़ताल करेगा. साथ ही यह दोषी अधिकारियों और कर्तव्य की उपेक्षा करने वाले कर्मचारियों के नाम भी उजागर करेगा.
जांच आयोग के गठन का निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.
सीएनजी फिटनेस घोटाला
सीएनजी फिटनेस घोटाला उस समय सामने आया जब वर्ष 2012 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने यह पाया कि इसमें दिल्ली सरकार को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा. सरकार ने इस काम का अनुबंध ईएसपी यूएसए की बजाय ईएसपी इंडिया को दिया.
इस करोड़ों रूपए के घोटाले में शीला दीक्षित सरकार के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं. इन अधिकारियों को दीक्षित ने क्लीन चिट प्रदान कर दी थी जिसे उपराज्यपाल नजीब जंग ने वर्ष 2013 में मान्यता प्रदान की.
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