दुनिया के सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण कार्य 28 जुलाई 2014 को भारत के मणिपुर के नोनी के नजदीक शुरु किया गया. इस पूरी परियोजना के प्रबंध कार्य की जिम्मेदारी पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे निर्माण संगठन (एनएफआरसीओ) देखेगी. 141 मीटर उंचाई के साथ जीरीबाउम–तुपुल–इंफाल रेलवे लाइन के सबसे लंबे स्तंभ की उंचाई दुनिया में सबसे अधिक होने की उम्मीद है. 700 मीटर लंबे इस पुल के अन्य स्तंभों की उंचाई 50–90 मीटर के बीच होगी.
यह पुल यूरोप में बेलग्रेड–बार रेल लाइन पर मौजूदा सबसे उंचे पुल माला रीजेका वायडक्ट जहां स्तंभों की उंचाई 139 मीटर है, को भी पीछे छोड़ देगा.
कुल 700 मीटर की लंबाई वाला यह पुल जीरीबाउम– तुपुल– इंफाल को जोड़ने वाली 111 किलोमीटर के ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का हिस्सा है. इस नेटवर्क को बनाने का उद्देश्य इंफाल को देश के रेलवे नेटवर्क से जोड़ना है.
जीरीबाउम–तुपुल–इंफाल 54.5 किलोमीटर लंबे रेल लाइन पर करीब 46 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा.
मार्च 2016 तक परियोजना के पहले चरण में जीरीबम से तुपुल तक 84 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाने का कार्य पूरा कर लिया जाना निर्धारित किया गया है.
मणिपुर का छोटा सा शहर जीरीबम मीन समुद्र तल से 37 मीटर उपर स्थित है जबकि इंफाल 780 मीटर की उंचाई पर स्थित है.
चीनाब नदी पर जम्मू–कश्मीर रेल लाइन पर निर्माणाधीन रेलवे पुल नदी के स्तर से रेल स्तर तक 360 मीटर उंचा होगा. इसे दुनिया का सबसे उंचा रेलवे पुल माना जाता है.
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