रीबूटिंग इंडिया: रियलाईजिंग ए बिलियन एस्पिरेशन्स: नंदन निलेकणी एवं विराल शाह
नंदन निलेकणी एवं विराल शाह द्वारा लिखित पुस्तक, रीबूटिंग इंडिया: रियलाईजिंग ए बिलियन एस्पिरेशन्स का 4 नवम्बर 2015 को लोकार्पण किया गया.
पुस्तक में भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के बारे में विस्तार से बताया गया है. यह माना जा रहा है कि वर्ष 2020 तक 64 प्रतिशत आबादी (लगभग 800 मिलियन) सहित भारत विश्व की सबसे युवा जनसंख्या वाला देश होगा.
इसमें कहा गया है कि यदि भारत समाज में फैले विरोधाभासों और सामाजिक अंतराल को कम नहीं करता तो वह विश्व की महाशक्ति नहीं बन सकता.
पुस्तक द्वारा निलेकणी तथा शाह ने यह बताने का प्रयास किया है कि भारत की 1.2 बिलियन जनसंख्या को उनके वास्तविक मूल्यों की पहचान कराये जाने की आवश्यकता है. उनका मानना है कि यह केवल तकनीकी विकास द्वारा संभव है.
रिबूटिंग इंडिया द्वारा बहुत से सिटिज़न फ्रेंडली, हाई-टेक सार्वजानिक संस्थानों पर प्रकाश डाला गया है जो कम कीमत पर बेहतर परिणाम प्रदान कर सकते हैं.
आधार के अनुभव से सीख लेते हुए निलेकणी एवं शाह के अनुसार सरकार इन प्रयासों पर वार्षिक एक लाख करोड़ रुपये की बचत कर सकती है. यह भारत की कुल जीडीपी का एक प्रतिशत है तथा 200 मंगलयान कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त है.
इसमें लोगों की बहुत बड़ी संख्या की भी आवश्यकता नहीं होती. इसमें एक छोटी फोकस्ड तथा उच्च क्षमतावान टीम से कार्य किया जा सकता है.
इनफ़ोसिस के सह-संस्थापक नंदन निलेकणी आधार के संस्थापक अध्यक्ष थे. वे दो बार टाइम द्वारा 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल हो चुके हैं. वर्ष 2014 में उन्हें द इकोनॉमिस्ट इनोवेशन अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया. वे एक गैर-लाभकारी संस्था एक स्टेप के अध्यक्ष भी हैं.
विराल शाह ने आधार की नीति कार्यान्वयन एवं तकनीक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने इस सरकारी प्लेटफ़ॉर्म में भुगतान करने के सिस्टम को विकसित किया. वे जूलिया प्रोग्राम लैंग्वेज के सह-अविष्कारक हैं तथा फोर्थलायन टेक्नोलॉजिज़ के सह-संस्थापक हैं. उन्होंने सांता बारबरा स्थित केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की है.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation