अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 23 जुलाई 2015 को पृथ्वी जैसा एक नया ग्रह ‘केपलर-452बी’ की खोज की घोषणा की. केपलर अंतरिक्ष दूरबीन से खोजे गए इस ग्रह को केपलर-452बी नाम दिया गया.
‘केपलर-452बी’ से संबंधित मुख्य तथ्य:
• सौर मंडल से बाहर मिला केपलर-452बी, हमारी धरती की तरह (जीवन के लिए आवश्यक अनुकूलता के विशेष सन्दर्भ में) है. पृथ्वी से यह 1400 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है.
• केपलर-452बी का व्यास पृथ्वी की तुलना में 60 प्रतिशत बड़ा है.
• केपलर-452बी का अपनी कक्षा में परिक्रमण समय 385 दिन है, जो पृथ्वी के परिक्रमण काल से लगभग 5 प्रतिशत अधिक है.
• केपलर-452बी नाम का यह ग्रह जी2 जैसे सितारे की परिक्रमा जीवन के लायक क्षेत्र (परिधि) में कर रहा है.
• जी2 तारा भी हमारे सूर्य के जैसा है. धरती की तरह ही इसका अपना सूरज है.
• नासा के खगोलविदों ने करीब धरती के आकार का यह पहला ग्रह खोजा है.
विदित हो कि धरती से बाहर जीवन ढूंढ़ने की नासा की कोशिशों में ‘केपलर-452बी’ की खोज को अहम कदम माना जा रहा है. नासा के अनुसार, धरती के जैसी नई दुनिया (केपलर-452बी) में जीने की पर्याप्त परिस्थिति मौजूद है. यदि पौधों को वहां ले जाया जाए तो वे वहां भी जिंदा रह सकते हैं. नासा के मुताबिक हमारी धरती के जैसी परिस्थिति में अपने सितारे का चक्कर काट रहा ग्रह जीवन की सभी परिस्थितियों और संभावनाओं को समेटे हुए है.
नासा के मुताबिक जीवन के लायक क्षेत्र में परिक्रमा करने वाला पहला ‘केपलर-452बी’ एक छोटा ग्रह है लेकिन आकार में धरती से बड़ा है. इसका आकार धरती की तरह और वर्ष की लंबाई भी करीब समान है.
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