परमाणु अस्त्र ले जाने में सक्षम शौर्य मिसाइल का 24 सितंबर 2011 को उड़ीसा तट पर स्थित चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज में सफल परीक्षण किया गया. जमीनी सतह और पानी के भीतर से मार करने में सक्षम शौर्य मिसाइल एक हजार किलोग्राम वजन वाले परमाणु अस्त्र को 750 किलोमीटर की दूरी तक ले जा सकता है.
परमाणु अस्त्र ले जाने में सक्षम शौर्य मिसाइल का परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation, डीआरडीओ) के तकनीकी सुधार कार्यक्रम के तहत किया गया. शौर्य मिसाइल का यह दूसरा परीक्षण हुआ. इससे पहले 12 नवंबर 2008 को उड़ीसा तट पर स्थित चांदीपुर में ही पहली बार शौर्य का सफल परीक्षण किया गया था.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के तकनीकी सुधार कार्यक्रम के तहत शौर्य मिसाइल को और बेहतर बनाया गया है. इससे कम लागत से इसका सुचारु प्रक्षेपण किया जा सकता है. साथ ही इसको एक से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान हो गया है और इसे लंबे समय तक उपयोग लायक भी बनाए रखा जा सकता है.
शौर्य मिसाइल की तकनीक दो स्तरों वाले ठोस ईंधन पर आधारित है. चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज उड़ीसा के बालासोर जिले में स्थित है.
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