पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने मेमोगेट कांड की जांच के लिए पाकिस्तान सरकार को 2 महीने का अतिरिक्त समय दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग ने पाकिस्तान की सरकार को विवादास्पद पाकिस्तानी अमेरिकी व्यवसायी और मेमोगेट मामले के मुख्य गवाह मंसूर एजाज़ को सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
ज्ञातव्य हो कि पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने मेमोगेट कांड (खुफिया दस्तावेज) की जांच हेतु नियुक्त तीन न्यायाधीशों की सदस्यता वाले न्यायिक आयोग को 30 जनवरी 2012 तक का ही समय दिया था. परंतु जांच में आ रही दिक्कतों को देखते हुए इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया.
मंसूर एजाज ने ही उस विवादित मेमो को सार्वजनिक किया था जिसके कारण पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था और उनके विदेश यात्रा पर पाबंदी लगा दी गई थी. हालांकि पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिकार चौधरी के नेतृत्व में नौ न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई के दौरान पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी की विदेश यात्रा पर लगा प्रतिबंध हटा दिया.
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