प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 अप्रैल 2015 दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘एयर क्वॉलिटी इंडेक्स’ लॉन्च की. ये इंडेक्स दिल्ली और मुंबई सहित देश के 10 बड़े देश के 10 शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर को बताएगा.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स से संबंधित मुख्य तथ्य
• एयर क्वालिटी इंडेक्स का मक़सद है कि वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में परिवर्तित कर लोगों को बताना.
• वायु प्रदूषण का मतलब है हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना.
• इससे पता चलेगा कि वायु कितनी शुद्ध या ख़राब है, या फिर बहुत ही खराब है.
• इससे लोगों को यह भी बताने में आसानी होगी कि वायु प्रदूषण का स्तर अगर सामान्य है तो क्या करना चाहिए और अगर ख़राब और बहुत ख़राब है तो उसका सेहत पर किस तरह का असर पड़ेगा.
• ये भी बताया जाएगा कि ऐसी सूरत में लोगों को क्या-क्या उपाय करने चाहिए.
• इस इंडेक्स का दूसरा मक़सद है कि प्रदूषण की इमरजेंसी को भांपना और फौरी उपाय करना.
• बीजिंग, पेरिस सहित कई ऐसे शहर हैं जहाँ 'प्रदूषण आपातकाल' घोषित किया जाता है. प्रदूषण आपातकाल का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ही ज़्यादा बढ़ा हुआ हो.
• प्रदूषण आपातकाल के दौरान इन शहरों में कुछ देर के लिए उद्योगों को बंद कर दिया जाता है, सड़कों पर डीज़ल की गाड़ियों की संख्या भी कम कर दी जाती है. यह सब कुछ तब तक होता है जब तक प्रदूषण का स्तर सामान्य ना हो जाए.
विदित हो कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में स्थित हैं.
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