प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी 2016 को असम के लीपेटकाटा में ब्रह्मपुत्र क्रैकर और पॉलिमर लिमिटेड राष्ट्र को समर्पित किया. 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह संयंत्र उत्तर पूर्व का अब तक का पहला पेट्रो–केमिकल प्रोजेक्ट है और यह प्लास्टिक के निर्माण के लिए कच्चा माल तैयार करेगा.
ब्रह्मपुत्र क्रैकर और पॉलिमर लिमिटेड की कल्पना प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में असम शांति समझौते के तहत की गई थी. इस संयंत्र की आधारशिला 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रखी.
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर भारत के सर्वाधिक मोम उत्पादन करने वाली इकाई भी राष्ट्र को समर्पित की.
प्रधानमंत्री की असम यात्रा के मुख्य बिंदु-
• प्रधानमंत्री मोदी ने शिबसागर में श्रीमंत शंकरदेव संघ के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया. 85 वर्षों के इतिहास में श्रीमंत शंकरदेव संघ के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं.
• प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में 12वें दक्षिण एशियाई खेलों का उद्घाटन किया.
श्रीमंत शंकरदेव संघ के बारे में-
• 1930 में स्थापित, संघ ने अब तक 200 किताबों और पत्रिकाओं का प्रकाशन किया है और इसके सदस्यों की संख्या 30 लाख से अधिक है. यह संगठन असम में एक विश्वविद्यालय और 64 स्कूल भी चलाता है.
• संघ ने श्रीमंत शंकरदेव बचत और ऋण सहकारी सोसायटी (थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी) की स्थापना 2009 में की थी. बैंक का बैलेंस 5 करोड़ रुपये है.
वर्तमान में प्रधानमंत्री 5 से 7 फरवरी 2016 तक असम, आंध्र प्रदेश और ओडीशा की तीन दिन की यात्रा पर हैं.
6 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री विशाखापत्तनम में समुद्र प्रदर्शनी देखने के बाद इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेंगे. 7 फरवरी 2016 को भुवनेश्वर पहुंचेंगे और भुवनेश्वर स्थिति राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थथान को राष्ट्र को समर्पित करेंगें.
ओडीशा दौरे के दौरान पारादीप में इंडियन ऑयल की अत्याधुनिक रिफाइनरी को भी देश को समर्पित करेंगे.
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