झारखंड उज्जवल डिस्कॉम इंश्योरेंस योजना (उदय) में केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पहला राज्य बन गया. झारखंड सरकार व केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के बीच नयी दिल्ली में 5 जनवरी 2016 को एमओयू हस्ताक्षर किया गया.
समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएं-
- झारखंड को उदय के माध्यम से लगभग 5300 करोड़ रुपये का एक समग्र शुद्ध लाभ प्राप्त होगा.
- राज्य में शेष 2200 गांवों में बिजली पहुचाने में राज्य सरकार को मदद मिलेगी.
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बकाया राशि का 100 प्रतिशत से अधिक देनदारियों की जिम्मेवारी राज्य सरकार की और 75 प्रतिशत बकाया ऋण की जेबीवीएनएल को लेनी होगी.
- साल 2018-19 तक झारखंड राज्य सरकार और जेबीवीएनएल एटी एंड सी के घाटे को मौजूदा स्तर लगभग 40 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक कम करने के लिए नामित एटी एंड सी के प्रक्षेपवक्र का पालन करना होगा.
- उदय योजना में शामिल होने वाले देशों की संख्या 15 तक पहुंच गयी है. जिनमे अन्य राज्य आंध्र प्रदेश, पंजाब, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं.
- इसके अलावा, चार प्रमुख राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा ने भी पहले से ही उदय में शामिल होने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
- समझौते के तहत झारखंड बिजली वितरण कंपनियों के पुनरोद्धार से जुडी उदय योजना में शामिल होगा.
- झारखंड की ओर से जेबीवीएनएल विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे तथा केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ एके वर्मा ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए.
- झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य में परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराएँगे.
- झारखंड के भूमि बैंक में 23 लाख हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है. झारखंड में भूमि बैंक 04 जनवरी 2016 को लागू किया गया है.
क्या है उदय :
- यह योजना केंद्र सरकार द्वारा 20 नवम्बर 2015 को विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और वित्तीय संस्थानों के शुरू की गयी.
- केंद्र सरकार द्वारा वितरण कंपनियों को ऋण के दबाव से मुक्त करने के लिए उदय योजना आरंभ की गयी है.
- भारत सरकार द्वारा उज्जवल डिस्कॉम इंश्योरेंस योजना (उदय) बिजली वितरण कंपनियों के सुदृढ़ीकरण के लिए बनायी गयी है.
- इस योजना के तहत झारखंड बिजली वितरण कंपनी का ऋण तथा डीवीसी व कोल इंडिया के बकाये राशि का भुगतान राज्य सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से ऋण लेकर करेगी.
- उदय योजना के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला झारखंड पहला राज्य है.
क्या होगा लाभ-
- झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर डीवीसी का कुल बकाया 7200 करोड़ रुपये है. जिसमें डिले पेमेंट सरचार्ज (डीपीसी) लगभग 2000 करोड़ रुपये के करीब है.
- इसमें वितरण निगम एकमुश्त छह हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगा तब डीवीसी डीपीएस के कुल रकम का 60 फीसदी राशि माफ करेगी, जो 1200 करोड़ रुपये के करीब है. 31 दिसंबर को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि एक सप्ताह में झारखंड के साथ एमओयू होगा.
- इस योजना के तहत झारखंड को बिजली घाटा कम करने की दिशा में भी काम करना होगा.
- योजना के तहत घरलू उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देना, बिजली चोरी रोकना आदि भी शामिल है.
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