भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने आज बिहार में विद्युत क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए 13.2 करोड़ डॉलर के ऋण करार पर 15 जून 2011 को हस्ताक्षर किया. इस ऋण करार पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव (बहुपक्षीय संस्थान) वेणु राजमोनी और एडीबी के भारत आवास मिशन के प्रभारी अधिकारी प्रोद्युत दत्त ने हस्ताक्षर किए. परियोजना समझौते पर बिहार राज्य विद्युत बोर्ड (बीएसईबी) और राज्य सरकार की ओर से क्रमशः सचिव गणेश प्रसाद और संयुक्त सचिव शंभुनाथ मिश्र तथा एडीबी के प्रोद्युत दत्त ने हस्ताक्षर किया.
परियोजना को 31 दिसंबर 2015 तक पूरा किया जाना है. यह वर्ष 2015 के अंत तक उपभोक्ताओं को प्रतिवर्ष 472579 मेगावाट-घंटे अतिरिक्त प्रदान/संचारित करेगा और 2016 तक बिहार के सात जिलों में तीन प्रतिशत तक तंत्र नुकसान को कम करेगा. एडीबी ऋण का बड़ा भाग (13.03 करोड डॉलर) बुनियादी ज़रूरतों जैसे ट्रांसमिशन लाइनों के लिए पैसे देने के रूप में प्रयोग करने के लिए दिया गया. शेष राशि बिहार राज्य विद्युत बोर्ड (बीएसईबी) की आंतरिक क्षमता को मज़बूत करने के लिए प्रयोग में लाया जाना है. ऋण का इस्तेमाल नई ट्रांसमिशन लाइनों को लगाने और राज्य के विद्युत आपूर्ति नेटवर्क की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार लाने के लिए ट्रांसमिशन और वितरण सेवाओं के नवीनीकरण तथा आधुनिकीकरण के लिए किया जाएगा. बीएसईबी में परियोजना और वित्त प्रबंधन में सुधार लाने के लिए प्रशिक्षण और अन्य क्षमता विकास के लिए एडीबी द्वारा 300000 डॉलर की तकनीकी सहायता अनुदान भी प्रदान किया जाना है. यह बीएसईबी को परियोजना लागू करने और रखरखाव का प्रशिक्षण और उच्च वोल्टेड वितरण प्रणालियों (एचवीडीएस) में संचालन सहित निर्माण के पर्यवेक्षण में भी सहायता देगा.
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