ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र के दौरान अतिरिक्त समय में 25 सितंबर 2014 को बैठक की. इस बैठक में खुलेपन, समावेशीपन तथा परस्पर लाभप्रद सहयोग की भावना के साथ विदेश मंत्रियों ने व्यापक सहयोग एवं घनिष्ठ आर्थिक साझेदारी के लिए ब्रिक्स की प्रतिबद्धता को दोहराया.
विदेश मंत्रियों ने 6वीं शिखर बैठक का आयोजन करने के लिए ब्राजील को बधाई दी तथा इस बात को नोट किया कि फोर्टालेजा कार्य योजना को सफलता के साथ लागू किया जा रहा है. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि नया विकास बैंक स्थापित करने तथा आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था के संबंध में शिखर बैठक के दौरान जो निर्णय लिए गए हैं उससे मौलिक रूप से ब्रिक्स सहयोग एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है.
विदेश मंत्रियों ने फोर्टालेजा घोषणा में उल्लेख के अनुसार ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक, व्यापार एवं निवेश सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए शीघ्रता से एक बैठक बुलाने की आवश्यकता को दोहराया.
यूएन के वर्तमान एजेंडा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्रियों ने निम्नलिखित पर जोर दिया.
• विदेश मंत्रियों ने इस बात को याद किया कि वर्ष 2015 संयुक्त राष्ट्र की स्थापना तथा द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 70वीं वर्षगांठ है. उन्होंने इसे अधिक प्रतिनिधिमूलक,कारगर एवं दक्ष बनाने के उद्देश्य से सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधार की आवश्यकता की भी फिर से पुष्टि की ताकि यह वैश्विक चुनौतियों का पर्याप्त रूप से सामना कर सके.
• उन्होंने फिलीस्तींन एवं इजरायल से इस बात का आह्वान किया कि वे युद्ध विराम का पालन करने तथा गाजा पट्टी में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए और बल प्रयोग की और घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करें.
• ब्रिक्स के सदस्य देशों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून तथा संयुक्त राष्ट्र के संगत संकल्पों के आधार पर इजरायल एवं फिलीस्तीन के बीच तुरंत वार्ता की बहाली के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जिसका अंतिम उद्देश्य यह है कि वर्ष 1967 की सीमाओं के आधार पर एक स्वतंत्र,व्यवहार्य एवं समीपवर्ती फिलीस्तीन राज्य की स्थांपना हो जो इजरायल के साथ एवं अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति एवं सुरक्षा के साथ पास-पास रहे.
• ब्रिक्स के सदस्य देशों ने अक्टूबर 2014 में कैरो में गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण पर एक अंतर्राष्ट्रीय डोनर सम्मेलन आयोजित करने संबंधी मिस्र एवं नार्वे की योजनाओं का समर्थन किया.
• विदेश मंत्रियों ने अफगानिस्तान के दो नेताओं के बीच जो सहमति हुई है उसका स्वागत किया तथा मजबूत,विकसित एवं शांतिपूर्ण राष्ट्र के निर्माण का कार्य पूरा करने में अफगानिस्तान की नई सरकार को अपना समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
• विदेश मंत्रियों ने अफ्रीका में संघर्षरत क्षेत्रों पर गंभीर चिंता व्यक्त की जिससे कुछ देशों की सुरक्षा एवं स्थिरता नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है.
• ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने संकट पर तुरंत कार्रवाई के लिए अंतरिम अफ्रीकी क्षमता (एसीआईआरसी) की शीघ्रता से स्थापना और इसके बाद अफ्रीकी स्टैंड बाई फोर्स की स्थापना का समर्थन करने वाले प्रयासों में शामिल होने के तरीकों का पता लगाने में अपनी रूचि व्यक्त की.
• ब्रिक्स के सदस्य देशों ने इबोला वायरस के फैलने तथा पश्चिम अफ्रीका के देशों में इसके प्रभाव पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की. ब्रिक्स के प्रत्येक देश ने इस बीमारी के विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रयास में योगदान दिया है.
• विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्वय को रेखांकित किया. उन्होंने4 सितंबर 2014 को हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय संपर्क समूह के परामर्शों के परिणाम पर प्रोटोकाल तथा20 सितंबर, 2014 को उक्त प्रोटोकाल के कार्यान्यवयन पर हस्ता्क्षरित ज्ञापन का स्वागत किया तथा उम्मीद व्यक्त की कि इन दस्तावेजों के प्रावधानों का पालन किया जाएगा.
• विदेश मंत्रियों ने विदेशी आतंकी लड़ाकों पर 24 सितंबर 2014 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प का समर्थन किया तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से विदेशी आतंकी लड़ाकों द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयासों में सहयोग करने का आह्वान किया जिसमें सीमाओं के पार उनकी आवाजाही, उनकी भर्ती पर रोक लगाना तथा उनकी वित्तीय सहायता में व्यवधान उत्पन्न करना शामिल है.
• रूसी पक्ष ने ऊफा शहर में वर्ष 2015 में ब्रिक्स की 7वीं शिखर बैठक के लिए अपनी तैयारियों के बारे में अपने साझेदारों को जानकारी प्रदान की.
• सभी पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में एक दूसरे की पहलों का समर्थन करने की संभावनाओं पर चर्चा की.
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