भारत एवं ऑस्ट्रेलिया ने 15 नवम्बर 2015 को दोनों देशों के मध्य असैन्य परमाणु संधि को लागू करने हेतु औपचारिकताएं पूरी किये जाने की घोषणा की. इस संधि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल द्वारा तुर्की में आयोजित जी-20 सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गये.
प्रशासनिक व्यवस्था सहित अन्य प्रक्रियाओं के पूरा होने के पर भारत-ऑस्ट्रेलिया असैन्य परमाणु संधि को लागू किया जा सकेगा. भारत ऐसा पहला देश होगा जो परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर के बिना ऑस्ट्रेलिया से यूरेनियम खरीदेगा.
ऑस्ट्रेलिया के पास विश्व में यूरेनियम का सबसे बड़ा भंडार है (विश्व का लगभग एक तिहाई, एक वर्ष में 7000 टन), इसके अतिरिक्त यह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का भी सदस्य है जिसमें भारत को अभी तक प्रवेश प्राप्त नहीं हुआ है.
भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के मध्य 5 सितंबर 2014 को, ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी एबोट की भारत यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु संधि पर हस्ताक्षर किये गये थे. इसे लागू करने के लिए की जाने वाली सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है.
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