भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा की बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री ले. कर्नल (सेवानिवृत) मुहम्मद फारुक खान के निमंत्रण पर बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा की. यह यात्रा24 अप्रैल, 2011को संपन्न हुई. दौरे के दौरान दोनों देशों के आर्थिक एकीकरण को और मजबूत करने की जरूरत बताई गई. आनंद शर्मा ने कहा है कि बांग्लादेश में भारत का निजी क्षेत्र करीब 350 करोड़ अमरीकी डॉलर का निवेश कर रहा है. उनके मुताबिक, बांग्लादेश में भारत का बढ़ा हुआ निवेश रोजगार बढ़ाने और शेष विश्व को होने वाले उसके निर्यात के मूल्यवर्द्धन में मदद करेगा. दोनों देशों के आपसी कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. बांग्लादेश का निर्यात पिछले कुछ सालों में लगभग 6 गुना बढ़ गया. वित्तवर्ष 2010-11 की पहली तीन तिमाहियों में यह 35.9 करोड़ अमरीकी डॉलर हो गया, जो वित्तवर्ष 2009-10 की समान अवधि में 30.4 करोड़ अमरीकी डॉलर था. आनंद शर्मा ने बांग्लादेश के खाद्य और आपदा प्रबंधन मंत्री एवं विदेश मंत्री से भी मुलाकात की.
भारत और बांग्लादेश कारोबार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए और उपाय करने पर सहमत हुए. ये उपाय निम्नलिखित हैं:
(क) भारत ने बांग्लादेश से 1 करोड़ परिधान निर्यात के टैरिफ मुक्त कोटे की पेशकश की. पिछले वर्षों की तुलना में यह 25 प्रतिशत अधिक है.
(ख) बांग्लादेश से निर्यात होने वाले सभी जूट उत्पादों पर काउंटरवेलिंग शुल्क खत्म.
(ग) सीमा पर बुनियादी संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण. कार्यान्वयन के लिए एक कार्यसमूह.
(ग) भारत ने बीएसटीआई के उन्नयन के लिए सहायता की पेशकश की ताकि उसका प्रमाणन और मानक सुधरे. क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण सुविधा देने पर सहमति.
(घ) भारत ने बुनियादी परियोजनाओं के लिए बांग्लादेश द्वारा विस्तृत परियोजना रपट प्रस्तुत करने का स्वागत किया.
(च) फेनी नदी पर पुल सह संपर्क पथ बनाने में भारत ने मदद की पेशकश की.
(छ) भारत ने चटगांव और मोंगोला बंदरगाह के उपयोग की पेशकश का स्वागत किया.
इससे बांग्लादेश ओर उत्तर-पूर्व भारत के कारोबार और विकास को काफी फायदा होगा. दोनों देश कारोबारी और आर्थिक विनिमय बढ़ाने के लिए आधिकारिक और तकनीकी स्तर की बातचीत को बढ़ाने पर भी सहमत हुए.
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