विदेशों में जमा काले धन के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए भारत ने 13 नवंबर 2014 को कैरेबियाई देश सेंट किट्स एंड नेविस से टैक्स सूचना साझेदारी समझौता (टीआइईए) किया. भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में स्थाई प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी और भारतीय मिशन में सेंट किट्स एंड नेविस के राजदूत डेलानो फ्रैंक बार्ट ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
समझौते का प्रारूप भारत की ओर से अन्य देशों के साथ किए गए टैक्स साझेदारी समझौतों के समान है. इसमें दोनों देशों द्वारा लगाए जाने वाले करों से संबंधित सूचनाएं साझा करने का प्रावधान है. समझौते के तहत, दोनों देश घरेलू टैक्स कानूनों के तहत आकलन, टैक्स दावे और मुकदमे संबंधी प्रशासकीय सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे. इसमें बैंकिंग संबंधी जानकारी और कंपनियों के स्वामित्व संबंधी सूचनाएं भी शामिल हैं.
विदित हो कि दो द्वीपों वाले इस देश (सेंट किट्स एंड नेविस) को विदेशी धन की सुरक्षित पनाहगार के रूप में देखा जाता है. कैरेबियाई क्षेत्र के कई द्वीपीय देश टैक्स हैवन देशों में शामिल हैं. इनमें कई देशों के साथ भारत का टैक्स सूचना साझेदारी समझौता हो चुका है. इन देशों ने अपनी छवि सुधारने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. सरकार की ओर से गठित एक विशेष जांच दल (एसआइटी) काला धन से जुड़े मामलों की जांच कर रहा है. जिनमें भारतीयों की ओर से विदेशों में जमा किए जाने वाले काले धन के मामले शामिल हैं.
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