महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भारत की पहली मोनोरेल सेवा का मुंबई में 1 फरवरी 2014 को उद्घाटन किया. मुंबई मोनोरेल का पहला चरण वडाला से चेंबूर सेक्शन पर 8.9 किलोमीटर लंबा है. सात स्टेशनों वाले इस पहले चरण के निर्माण पर 1900 करोड़ रुपये की लागत आई.
प्रारंभ में यह मोनोरेल प्रात: 7 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच 15 मिनट के अंतराल पर चलेगी. पूरी तरह से वातानुकूलित इस मोनोरेल का न्यूनतम किराया 5 रुपये और अधिकतम किराया 20 रुपये है.
मोनोरेल सेवा में 4 कोच है, जिनमें लगभग 2500 व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे. मोनोरेल के प्रारम्भ होने वडाला से चेंबूर के बीच की यात्रा का समय 40 मिनट से घटकर लगभग 21 मिनट में तय होगी
मुंबई मोनोरेल के हरा, गुलाबी और आसमानी नीला, तीन रंग होंगे. मोनोरेल में दिल्ली मेट्रो की तरह स्मार्ट कार्ड सुविधा उपलब्ध होगी.
मुंबई मोनोरेल से संबंधित मुख्य तथ्य
मुंबई मोनोरेल परियोजना दो चरणों में कार्यान्वित की जा रही है. पहला चरण वडाला से चेंबूर तक है, जिसे दूसरे चरण में दक्षिण मुंबई से संत गाडगे चौक तक बढ़ाने निर्णय लिया गया है.
मोनोरेल का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो और एक मलेशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म स्कोमी इंजीनियरिंग ने संयुक्त रूप से किया.इसका जिम्मा और संचालन मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा किया जाना है.
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