भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबधों को नए शिखर पर ले जाने की प्रतिबद्धता और भारतवंशियों से देश के विकास में भरपूर योगदान करने की अपील के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच दिवसीय अमेरिका दौरा 1 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुआ.
अमेरिका दौरे पर मोदी सबसे पहले न्यूयार्क पहुंचे थे, जहां दो दिन बिताने के बाद में वह वाशिंगटन गए.
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा को पहली बार संबोधित करने के साथ ही वह मैनहैटन के मैडिसन स्कवायर गार्डन में भारतवंशियों से मिले और वायदा किया कि वह उनके सपनों का भारत बनाकर दिखाएंगे. इस प्रयास में उन्होंने प्रवासी भारतीयों से भी पूरे सहयोग की अपील की.
वाशिंगटन के व्हाइट हाउस में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ निजी और शिखर स्तरीय वार्ता की. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने मिलकर अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के लिए एक साझा संपादकीय भी लिखा और इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग का वायदा करने वाला 'चलें साथ साथ' शीर्षक से एक संयुक्त दृष्टि पत्र भी जारी किया.
शिखर बैठक में दोनों नेताओं के बीच लंबी चली बातचीत में आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई. इसमें प्रधानमंत्री ने जहां अमेरिकी कंपनियों को देश के रक्षा क्षेत्र में निवेश का निमंत्रण दिया और आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की मुहिम में हर संभव मदद का वायदा किया, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के बाजार को भारतीय सेवा क्षेत्र के लिए ज्यादा सुगम बनाने की अपील की और विश्व व्यापार संगठन में खाद्य सुरक्षा के मसले पर भारत की चिंताओं पर गौर करने का अनुरोध भी किया.
शिखर बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से संवाददाता सम्मेलन में एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया.
संयुक्त घोषणा पत्र के मुख्य बिंदु
रक्षा समझौते पर सहमति
भारत और अमेरिका ने आपसी रक्षा संबंधों को नई दिशा देने पर सहमति जताई. दोनों देश रक्षा समझौते को अगले दस वर्षों के लिए बढ़ाने पर सैद्धांतिक तौर पर राजी हो गए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग को गति मिलेगी.
विदित हो कि अमेरिका भारत के साथ 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक के रक्षा सौदे करने की कोशिश कर रहा है. इस समझौते में हमलावर अपाचे हेलिकॉप्टर, भारी मालवाहक विमान चिनुक और टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल जेवलिन शामिल हैं.
परमाणु करार पर बात
दोनों देशों ने अपने बीच हुए परमाणु करार से जुड़े मुद्दों में आ रही परेशानियों को हल करने की भी प्रतिबद्धता जताई है. इसके लिए एक अंतर एजेंसी समूह के गठन का फैसला किया गया. यह एजेंसी जवाबदेही और तकनीकी अड़चनों को दूर करने के अलावा भारत में अमेरिका निर्मित परमाणु रिएक्टर स्थापित करने में आ रही बाधाओं को देखेगी. भारत की तरफ से अंतर एजेंसी संपर्क समूह में परमाणु उर्जा विभाग, विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि होंगे.
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई परा चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बातचीत में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठा. दोनों देश पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल कायदा, हक्कानी नेटवर्क और दाऊद इब्राहिम कंपनी के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई पर सहमत हुए. कार्रवाई में इन संगठनों को मिलने वाली वित्तीय और रणनीतिक मदद को निशाना बनाना शामिल है.
अमेरिका ने भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादी और मुंबई बम धमाकों के जिम्मेदार दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई में मदद देने की बात कही.
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) पर भारत का रुख बरकरार
मोदी ने ओबामा के साथ विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सरलीकरण के मुद्दे पर बात की. उन्होंने भारत की चिंता से भी ओबामा को अवगत कराया. उन्होंने ट्रेड फैसिलिटेशन एग्रीमेंट का समर्थन किया, लेकिन कहा कि दुनिया को हमारी खाद्य सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा.
निवेश और व्यापार
भारत और अमेरिका ने आपसी कारोबार को और बढ़ाने पर सहमति जताई है. मोदी ने ओबामा से मांग की कि सर्विस सेक्टर की भारतीय कंपनियों को अमेरिका में छूट मिले. साथ ही, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को भरोसा दिलाया कि अमेरिकी कंपनियों को भारत में कारोबार करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने पर भारत का इनकार
भारत ने सीरिया और इराक में तबाही मचा रहे आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के खिलाफ अमेरिकी और अन्य पश्चिमी देशों की किसी सैन्य कार्रवाई में शामिल होने से इनकार कर दिया.
स्मार्ट सिटीज बनाने में मदद करने की अमेरिका की पेशकश
दोनों देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अमेरिका भारत के तीन शहरों- अजमेर, इलाहाबाद और विशाखपट्टनम, को स्मार्ट सिटीज बनाने में मदद देगा.
इबोला से लड़ाई में मदद
अफ्रीका महादेश में कई लोगों की जान ले चुकी जानलेवा बीमारी इबोला के मुद्दे पर भी ओबामा और मोदी ने वार्ता की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे लड़ने के लिए एक करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की.
जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सहयोग और सहमति बढ़ाने के लिए दोनों देश आगे भी बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई.
सफाई में सहयोग
दोनों देशों के बीच भारत के 500 शहरों में स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य के मुद्दे पर वॉश (WASH) नाम से एक संयुक्त कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
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