भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान देने के दौरान गिरने के बाद निधन हो गया. 'मिसाइल मैन' और 'जनता के राष्ट्रपति' के नाम से लोकप्रिय डॉ. कलाम 83 वर्ष के थे.
'जनता के राष्ट्रपति' के नाम से लोकप्रिय डॉ. कलाम ने 18 जुलाई 2002 को एनडीए की सरकार में देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था. वह वर्ष 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति पद पर रहे. सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की.
मिसाइलमैन नाम से मशहूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिल जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था.
अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम के बारे में
• पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम स्थित धनुषकोडी गाँव में हुआ था.
• अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिक्स की पढ़ाई की थी.
• वर्ष 1960 में स्नातक होने के बाद वह एक वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में शामिल हो गए. उन्होंने भारतीय सेना के लिए हेलीकाप्टर डिजाइन द्वारा अपना कैरियर शुरू किया.
• वर्ष 1969 में कलाम को इसरो में स्थानांतरित किया गया. इसरो में वह भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी तृतीय) के परियोजना निदेशक थे.
• वे प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे और जलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक डीआरडीओ के सचिव के रूप में कार्य किया.
• डॉ कलाम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1981 में पद्म भूषण और वर्ष 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
• उनकी निगरानी में भारत ने वर्ष 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ.
• डॉ कलाम ने देश के पहले स्वदेशी तकनीक से बने सेटेलाइट लांच व्हीकल एसएलवी-3 को बनाने में अहम भूमिका निभाई जिससे वर्ष 1980 में रोहिणी नाम के सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया.
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