भारत ने तीसरी बार 24 दिसंबर 2012 को चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण स्थल से हवा से हवा में मार करने वाली स्वदेश निर्मित बैलिस्टिक मिसाइल अस्त्र का सफल परीक्षण किया. रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा अस्त्र मिसाइल का 10 बजकर 32 मिनट पर परीक्षण किया गया और यह परीक्षण सफल रहा. एसयू 30 एमकेआई, मिग 29 और हल्के विमान तेजस जैसे लडाकू विमानों के साथ जुड़ने से पहले यह जटिल विमानभेदी मिसाइल मैदान और लडाकू विमानों से संबंधित कुछ कठिन और दोषरहित परीक्षणों से गुजरेगी.
अस्त्र मिसाइल: अस्त्र मिसाइल में सुपरसोनिक रफ्तार से आमने-सामने की स्थिति में 80 किमी की दूरी तक और पीछा करते हुए 20 किमी तक दुश्मन के विमान को मार गिराने की क्षमता है. अस्त्र मिसाइल में ठोस प्रणोदक का प्रयोग किया गया है और इसमें 15 किलोग्राम परंपरागत आयुध ले जाने की क्षमता है. वजन और आकार के हिसाब से डीआरडीओ द्वारा विकसित यह सबसे छोटी मिसाइल है. इस मिसाइल की लंबाई 3.8 मीटर, व्यास 178 मिमी और कुल वजन 160 किग्रा है. मिसाइल को विभिन्न उंचाइयों से प्रक्षेपित किया जा सकता है. यह मिसाइल 15 किमी उंचाई से 110 किमी, 8 किमी उंचाई से 44 किमी और समुद्र तल से 21 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है. अस्त्र मिसाइल इसी श्रेणी की अमेरिकी, रूसी और फ्रांसीसी मिसाइलों से ज्यादा आधुनिक है.
विदित हो कि एसयू 30 एमकेआई विमान से अस्त्र मिसाइल का परीक्षण नवंबर 2009 में पुणे के पास किया गया था जब सात संक्षिप्त उड़ानें भरी गईं. अस्त्र मिसाइल का पहला परीक्षण 9 मई 2003 को चांदीपुर के आईटीआर से किया गया था.
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