भारत ने रूस के साथ 66000 टैंकरोधी गोला-बारूद खरीदने संबंधी समझौते पर 27 मार्च 2014 को हस्ताक्षर किया. केंद्र सरकार ने यह निर्णय भारतीय सेना के टी-90 टैंक सहित अन्य बख्तरबंद दस्तों में गोला-बारूद की कमी के मद्देनजर लिया. इस खरीद पर लगभग 2600 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. यह खरीद रूस की हथियार निर्माता कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से की जानी है.
करार के तहत रूस टैंकरोधी गोला-बारूद के उत्पादन से संबंधित तकनीक भारत को मुहैया कराएगा. इसके साथ ही करार के तहत गोला-बारूद की कमी झेल रही सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत ने रूसी कंपनी के साथ साझा उपक्रम भी शुरू करने का फैसला किया है जिससे जरूरत के अनुसार गोला-बारूद का तेजी से निर्माण संभव हो सके.
विदित हो कि मार्च 2014 के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की एक बैठक हुई जिसमें सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने टी-90 टैंक में प्रयुक्त होने वाला गोला-बारूद की कमी का मुद्दा उठाया था. साथ ही इजरायली मिलिट्री इंडस्ट्रीज पर रोक के कारण टैंक रोधी गोला-बारूद की भी सेना में कमी पर चर्चा हुई. इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस सौदे के लिए मंजूरी प्रदान की.

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