भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान की नौसेनाओं ने 14 अक्टूबर 2015 को पूर्वी तट पर पांच दिवसीय मालाबार अभ्यास 2015 शुरू किया, जिसमें कई युद्धपोत, विमान वाहक पोत और तेजी से हमला करने वाली पनडुब्बी हिस्सा ले रही हैं.
बहु-राष्ट्रीय समुद्रिक संबधों और आपसी सुरक्षा मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित होने वाले अभ्यासों की जारी श्रृंखला में मालाबार 2015 नवीनतम अभ्यास है.
तीनों देशों के नौसैनिक इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. इसको ‘कॉम्प्लेस’, ‘हाई एंड वॉरफाइटिंग’ अभ्यास करार दिया गया. अभ्यास के दौरान ‘तट पर’ और ‘समुद्र में प्रशिक्षण’ दोनों तरह के प्रशिक्षणों को शामिल किया गया. इसमें विमान वाहक युद्ध पोत के अभियानों के बारे में, समुद्री गश्ती,
पनडुब्बी विरोधी युद्ध सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी साझा करने के लिये सत्र भी होंगे. जिन अभ्यासों को समुद्र में किया जाएगा उनके लिये होने वाले सत्रों में सेना से सेना का समन्वय, पनडुब्बियों का समन्वय, हवाई सुरक्षा और सतह पर होने वाले युद्धाभ्यास शामिल होंगे.
मालाबार 2015 में तीनों देशों की भागीदारी
इस अभ्यास में अमेरिका की ओर से भाग ले रहे पोतों में, विमान वाहक यूएसएस थिओडोर रूजवेल्ट, , यूएसएस निमित्ज, निर्देशित मिसाइल क्रूजर यूएसएस नॉरमैंडी (सीजी60) , यूएसएस फॉर्थ वर्थ (एलसीएस-3) पी-8ए पोसीडॉन विमान और तेजी से हमला करने में सक्षम पनडुब्बी शामिल है.
इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से राजपूत श्रेणी के विध्वंसक, ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट, शिवालिक श्रेणी का युद्धपोत और सिंधुघोष श्रेणी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी शामिल है. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका पी-8 समुद्री निगरानी विमान भी तैनात करेगा.
जापान की ओर से के केवल अकीजुकी श्रेणी का विध्वंसक फ्यूयुजुकी भाग लेगा, जिसे मार्च 2014 में शामिल किया गया. फ्यूयुजुकी को विशेष रूप से सतह निरोधक और पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए बनाया गया है और यह हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है.
मालाबार अभ्यास वर्ष 1992 से भारत और अमेरिका द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इससे पहले जब 2007 में बंगाल की खाड़ी में बहु-राष्ट्र मालाबार अभ्यास हुआ था, उसमें भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की नौसेना ने हिस्सा लिया था, तब चीन ने इस पर कड़ा विरोध जताया था.
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