नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कार्यरत भारतीय कंपनी नुआल्गी ने 7 अक्टूबर 2015 को कैंब्रिज स्थित मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के क्लाइमेट कोलैब में पॉपुलर च्वाइस अवार्ड प्राप्त किया.
नुआल्गी यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गयी है.
भारतीय कंपनी ने सीवेज ट्रीटमेंट के लिए बिजली और ईंधन की खपत कम करने हेतु तथा नैनो पैमाने पर उत्पाद के लिए पानी के पुन: उपयोग के निर्माण को नुआल्गी का नाम दिया है, जिसे वर्ष 2015 के संस्करण के लिए चुना गया.
निर्णयकर्ताओं ने दोनों प्रस्तावों को टॉप 10 श्रेणी में स्वीकार किया. इसके उपरांत, दोनों प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों द्वारा हुई वोटिंग में पॉपुलर च्वाइस अवार्ड के विजेता बने.
नुआल्गी
बेंगलुरु के टी संपथ कुमार ने 15 वर्ष तक नैनो-टेक्नोलॉजी पर शोध के उपरांत इसे विकसित किया. यह एक्वैरियम से लेकर महासागरों के जल से शैवाल विकसित करने के लिए प्रयोग किया जाता है.
नुआल्गी में विशेष एवं उचित पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो जैविक रूप से उपलब्ध होते हैं तथा अनुसंधानशाला में कार्य करने में सक्षम हैं.
एमआईटी की क्लाइमेट कोलैब
यह इस क्षेत्र में कार्यरत 50,000 नौसिखियों का एक अन्तरराष्ट्रीय समूह है. यह जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताएं चलाता है.
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