भारतीय रिजर्व बैंक ने 14 सितंबर 2015 को सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन का गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया. पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद यह कंपनी रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 45-आई के उपबंध (ए) के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कारोबार नहीं कर पाएगी.
भारतीय रिजर्व बैंक के उपरोक्त निणर्य के अनुसार, लखनऊ स्थित सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन की एनबीएफसी कंपनी के रूप में लाइसेंस 3 सितंबर 2015 से रद्द माना जाएगा. इसका रजिस्ट्रेबशन दिसंबर,1998 में हुआ था.
विदित हो कि इससे पहले जुलाई में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा इंडिया म्यूचुअल फंड का रजिस्ट्रे शन रद्द करते हुए कहा था कि यह अब इस कारोबार के लिए उपयुक्त नहीं है. सेबी ने इसके कारोबार का परिचालन किसी दूसरे म्युचुअल फंड को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. सेबी ने सहारा समूह की उस कंपनी के पोर्टफोलियो प्रबंधन के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया था. सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय 4 मार्च 2014 से जेल में हैं. सहारा समूह लंबे समय से सेबी के साथ निवेशकों का हजारों करोड़ रुपये लौटाने के मामले में सहारा समूह का बाजार विनियामक सेबी के साथ लम्बे समय से विवाद है.
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