भारत का 64वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2013 को मनाया गया. 64वें भारतीय गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्यल वांग्चुक रहे. परेड शुरू होने से पहले भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्यल वांगचुक सलामी मंच पर पहुंचे. मंच पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षामंत्री एके एंटनी ने उनका स्वागत किया. इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे.
जमीन से जमीन पर 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल अग्नि-5, युद्धक टैंक अर्जुन, आईएनएस विक्रमादित्य का लघु रूप, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और पिनाक (मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम) परेड के मुख्य आकर्षण रहे.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया. परेड में देश की विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाली विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों की कुल 19 झांकियां प्रदशित की गईं.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2012 से सम्मानित 22 बहादुर बच्चों में से 21 बच्चे परेड में शामिल हुए. एक बच्चे को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया.
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