भूटान-भारत विकास सहयोग वार्ता के तीसरे चक्र या भूटान की 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए योजना संबंधी वार्ता का आयोजन 11 सितंबर 2014 को थिम्पू में हुआ.
भूटान के शिष्टरमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव यशेय दोरजी द्वारा किया गया और भारत के शिष्टमंडल का नेतृत्व सुजाता सिंह (सचिव, आर्थिक संबंध (ईआर) और विकास साझेदारी प्रशासन) द्वारा किया गया.
1. योजना संबंधी वार्ता भूटान-भारत विकास सहयोग की एक नियमित विशेषता है. वर्ष 1961 में पहली पंचवर्षीय योजना के समय से ही भूटान के सामाजिक – आर्थिक विकास में भारत भूटान का सबसे पुराना एवं विशेषाधिकृत विकास साझेदार है. 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भारत की 45 बिलियन नू की प्रतिबद्धता, जिसमें आर्थिक प्रेरक योजना के लिए 5 बिलियन नू की राशि शामिल नहीं है, भूटान के लिए कुल विदेशी सहायता का 67 प्रतिशत है जिसे भूटान इस योजना अवधि के दौरान प्राप्त करेगा.
2. वार्ता के दौरान, दोनों पक्षों ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भारत सरकार की 45 बिलियन नू की सहायता की समीक्षा की जिसमें निम्नलिखित घटक शामिल हैं :
• कार्यक्रम अनुदान के लिए 8.5 बिलियन नू.
• लघु विकास परियोजनाओं (एस डी पी) के लिए 8.5 बिलियन नू.
• योजना अनुबंधित सहायता (पीटीए) के लिए 28 बिलियन नू.
3. वार्ता में मुख्य रूप से पीटीए पर बल दिया गया. दोनों पक्षों ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत कार्यान्वयन के लिए कुल 84 पीटीए परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया, जिसमें 48 ऐसी परियोजनाएं शामिल हैं, जिन्हें योजना संबंधी वार्ता के वर्तमान चक्र के दौरान अनुमोदित किया गया.
4. दोनों पक्षों ने परस्पर सहमत परियोजनाओं के कार्यान्वयन की गति बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. इस संबंध में, भूटानी पक्ष ने यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया कि परियोजनाएं अपनी निर्धारित समय सीमा का पालन करेंगी तथा भारतीय पक्ष ने समय पर निधि जारी करने का आश्वांसन दिया.
5. दोनों पक्षों ने जल्दी से जल्दी एसडीपी समिति की बैठक बुलाने पर सहमति व्यक्त की.
6.वार्ता का आयोजन बहुत गर्मजोश पूर्ण, मैत्रीपूर्ण एवं रचनात्मक वातावरण में हुआ जो परस्पर विश्वास, सहयोग एवं सहमति की भावना को दर्शाता है जो भारत – भूटान द्विपक्षीय साझेदारी की नींव है.
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