प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA: Cabinet Committee on Economic Affairs, सीसीईए) ने 30 जून 2011 को नौ अरब डॉलर के केयर्न-वेदांत सौदे को सशर्त मंजूरी प्रदान की. केयर्न-वेदांत सौदे पर लगाई गई शर्तों के अनुसार कंपनी को तेल उत्पादन पर रॉयल्टी का भुगतान करना होगा, आर्बिट्रेशन के सभी मामलों को वापस लेना होगा और ओएनजीसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के साथ-साथ सेबी सहित सभी नियामकों की पूर्व मंजूरी भी लेनी होगी.
ज्ञातव्य हो कि नवंबर 2010 में हुए इस सौदे के तहत अनिवासी भारतीय अनिल अग्रवाल के वेदांत समूह ने केयर्न इंडिया में उसकी मूल कंपनी केयर्न एनर्जी की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी. हालांकि शेयरों की हस्तांतरण की प्रक्रिया ओएनजीसी की आपत्ति के बाद रुक गई थी जिसमें तेल उत्पादन पर रॉयल्टी में भी हिस्सेदारी की बात कही गयी थी. केयर्न-वेदांत मामले पर गठित वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने उपरोक्त शर्तों के साथ इस सौदे को मंजूरी देने की सिफारिश मंत्रिमंडल को भेजी थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation