नेशनल एयरनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा ) ने 30 अप्रैल 2015 को मैसेंजर मिशन का संचालन समाप्त कर दिया. मैसेंजर मर्करी की सतह, अंतरिक्ष वातावरण और भू-रसायनशास्त्र के लिए जाना जाता है.
इसे मर्करी (बुध) के वातावरण का अध्ययन करने के लिए 3 अगस्त 2004 को लॉन्च किया गया था.
मर्करी की सतह पर एक्सपेक्टेड इंपेक्ट (ईआई ) के साथ अंतरिक्ष यान का सफर समाप्ति की ओर आ गया. यह मर्करी की सतह में करीब 14000 किलो मीटर प्रति घंटे की गति के साथ दाखिल हुआ है और 52 फीट चौड़ा गड्ढा बना रहा है. हालांकि यह मिशन अपने प्राथमिक वैज्ञानिक उद्देश्यों के साथ मार्च 2012 में पूरा हो गया था. अंतरिक्षयान के मिशन को ग्रह के संबंध में चित्र और जानकारी अभूतपूर्व विवरण के साथ जुटाने के लिए दो बार आगे बढ़ाया गया. अपनी कई उपलब्ध्यिों के अलावा मिशन मर्करी की संरचना को निर्धारित करता है, इसके भूवैज्ञानिक इतिहास को प्रकट करता है, ग्रह के केंद्र से इसके आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र की खोज और इसके ध्रुवीय जमावट मुख्यतः पानी बर्फ हैं यह भी निष्कर्ष निकालता है.
यूएसए मेरीलेंड में लॉरेल में स्थित जॉन्स होप्किंस यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) ने इस स्पेसयान को बनाया व संचालित किया. साथ ही वॉशिंगटन में नासा साइंस मिशन डायरेक्टरेट के लिए इसे प्रबंधित किया.
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